CBI केडी सिंह पर दर्ज किया दूसरा मुकदमा, निवेशकों की रकम हड़पने के मामले में बड़ी कार्रवाई

केडी सिंह पर 2016 में मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज हुआ था। जिसके बाद उनकी 30 करोड़ की संपत्तियों को जब्त कर लिया गया था।

लखनऊ स्थित सीबीआई की एंटी करप्शन टीम ने देशभर में निवेशकों की रकम हड़पने को लेकर तृणमूल कांग्रेस के पूर्व सांसद केडी सिंह समेत आठ लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया है। सीबीआई ने यह एक्शन सरकार की सिफारिश पर लिया है। इससे पहले भी सीबीआई ने केडी सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर चुकी है।

पूर्व सांसद पर आरोप है कि उनकी कंपनियों अलकेमिस्ट इंफ्रा रियल्टी लिमिटेड और अलकेमिस्ट टाउनशिप लिमिटेड ने निवेशकों को लुभावनी स्कीम पर भूखंड और मकान देने का झांसा देकर उनकी गाढ़ी कमाई हड़प ली। इस मामले में अब  CBI ने जांच शुरू कर दी है।  CBI केडी सिंह के साथ बृजमोहन महाजन, सत्येंद्र कुमार सिंह, सुचित्रा खेमकर, नंद किशोर सिंह, जयश्री प्रकाश सिंह, छत्रपाल सिंह और नरेंद्र सिंह को नामजद किया है।

बता दें कि केडी सिंह और उनके साथियों पर आरोप है कि उन्होंने 2009 में भदोही में कंपनियों का कार्यालय खोलने के नाम पर लुभावनी स्कीम देकर निवेशकों से करीब दो करोड़ रुपए जमा कराए थे। इसके बाद निवेशकों को भूखंड भी नहीं दिए। जब निवेशकों ने रकम वापस मांगे तो कंपनी के संचालक ने साल 2018 में ऑफिस बंद करके भाग गए।

केडी सिंह पर दो साल में दूसरा मुकदमा

केडी सिंह के खिलाफ सीबीआई ने दो साल में दूसरा मुकदमा दर्ज किया है। इससे पहले प्रदेश सरकार की सिफारिश पर आजमगढ़ में दर्ज मुकदमे की जांच भी सीबीआई ने 26 जुलाई, 2022 को टेकओवर की थी। करीब सौ करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का यह मुकदमा निवेशक विजय कुमार चौहान ने दर्ज कराया था। सीबीआई ने तब केडी सिंह के 12 ठिकानों पर छापेमारी भी की थी। इसके बाद सीबीआई ने केडी सिंह को गिरफ्तार भी किया था।

2016 में ईडी ने जब्त किया था 30 करोड़ की संपत्ति

केडी सिंह पर 2016 में मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज हुआ था। जिसके बाद उनकी 30 करोड़ की संपत्तियों को जब्त कर लिया गया था। इसमें एयरक्राफ्ट, हिमाचल प्रदेश के शिमला में 250 बीघा भूमि और सिरमोर में 78 बीघा भूमि शामिल थी। इसके अलावा हरियाणा के पंचकूला में अलकेमिस्ट रियलिटी के 18 फ्लैट भी जब्त किए गए थे। ED की जांच मे सामने आया था कि केडी सिंह ने कंपनियों के जरिये कई राज्यों के निवेशकों के करीब 1900 करोड़ रुपये हड़पे हैं।

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