सुप्रीम कोर्ट के राजधानी में प्रदूषण के खतरे को लेकर दिल्ली सहित आसपास के राज्यों को सख्त निर्देश दिए जाने के बाद गुरूवार को पर्यवारण मंत्रालय ने पराली जलाने वालों के खिलाफ कड़े फैसले लिए हैं। केंद्र सरकार ने पराली न जलाई जाए इसके लिए जुर्माने की राशि को दोगुना तक बढ़ा दिया है। अगर किसान पराली जलाता है तो उसे दोगुना जुर्माना भुगतान करना पड़ेगा।
इतनी भूमि पर इतना लगेगा जुर्माना
केंद्र सरकार के फैसले के बाद 2 एकड़ से कम भूमि वाले किसानों पराली जलाते हैं तो उन्हें 5 हजार रुपए का भुगतान करना पड़ेगा। साथ ही 2-5 एकड़ भूमि वाले किसानों को 10 हजार रुपए और 5 एकड़ से ज्यादा भूमि वाले किसानों को 30 हजार रुपए का जुर्माना भुगतान करना पड़ेगा। अब दिल्ली के आसपास वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के संशोधित नियम, 2024 लागू होंगे। केंद्र सरकार द्वारा लिए गए ये फैसले पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश , दिल्ली और राजस्थान राज्य की सरकारें लागू करने के लिए बाध्य हैं। वहीं पराली जलाने की शिकायत वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग, केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय और प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों में दर्ज कराई जाएगी।
जानें SC ने क्या कहा था?
दरअसल, 4 नवंबर को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने पराली जलाने को लेकर पंजाब-हरियाणा से 14 नवंबर तक जवाब मांगा है। इससे पहले 23 अक्टूबर को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के तहत केंद्र सरकार को जिम्मेदार अधिकारियों की नियुक्ति के लिए 2 सप्ताह का समय दिया था। सुनवाई के दौरान हरियाणा सरकार की कार्रवाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट संतुष्ट नहीं था। हरियाणा-पंजाब सरकार द्वारा पराली जलाने की कोशिशों को जस्टिस अभय एस ओका, जस्टिस ए अमानुल्लाह और जस्टिस एजी मसीह की पीठ ने मजह दिखावा बतया था। सुप्रीम कोर्ट ने यहां तक कह दिया था कि पंजाब और हरियाणा सरकार के साथ केंद्र को यह याद दिलाया जाए कि प्रदूषण रहित वातावरण में नागरिकों का रहना मौलिक अधिकार है। प्रदूषण में रहना अनुच्छेद 21 के तहत मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।