PFI पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर कठोर कदम उठाते हुए केंद्र सरकार ने मंगलवार को इस पर प्रतिबंध लगा दिया। केन्द्र सरकार ने PFI उसके सभी सहयोगियों और मोर्चों को गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम यूएपीए के तहत पांच साल के लिए अवैध घोषित कर दिया है। इसके साथ ही PFI को यूएपीए की धारा 35 के तहत 42 प्रतिबंधित आतंकी संगठनों की सूची में जोड़ा गया है।
पीएफआई पर शिकंजा कसनें के लिए एजेंसिया लगातार छापेमारी कर रही हैं। यूपी, एमपी,पंजाब,दिल्ली, केरल, गुजरात, कर्नाटक और असम में सिलसिलेवार छापेमारी में पीएफआई से जुड़े 270 से अधिक लोगों को हिरासत में लेने के एक दिन बाद केन्द्र सरकार ने इसको बैन कर दिया है। कर्नाटक में पुलिस कार्रवाई में सबसे आगे थी। राज्य में पीएफआई और उसके राजनीतिक विंग सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के 80 से अधिक सदस्यों को हिरासत में लिया। दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात, असम, मध्य प्रदेश और यूपी में भी छापे मारे गए।
गुरुवार को NIA और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के नेतृत्व में 15 राज्यों में एक साथ छापे मारकर अध्यक्ष ओ एम ए सलाम सहित 100 से अधिक पीएफआई कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया था। गृह मंत्रालय द्वारा मंगलवार को जारी अधिसूचना के अनुसार, पीएफआई के सहयोगी संगठन – रिहैब इंडिया फाउंडेशन (आरआईएफ), कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई), ऑल इंडिया इमाम काउंसिल (एआईआईसी), नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन (एनसीएचआरओ) , नेशनल विमेंस फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन और रिहैब फाउंडेशन पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है
पीएफआई पर भड़काऊ नारेबाजी, हत्या से लेकर हिंसा फैलाने तक के आरोप
पीएफआई पर भड़काऊ नारेबाजी, हत्या से लेकर हिंसा फैलाने तक के आरोप लग चुके हैं। इसी साल मई में संगठन की एक रैली में एक बच्चे से भड़काऊ नारे लगवाए गए थे। इस मामले ने काफी तूल पकड़ लिया था। इस मामले में केरल पुलिस ने 20 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया था। पीएफआई का विवादों से पुराना नाता रहा है। पीएफआई ने केरल के चेलारी में एकता मार्च निकाला था। इस रैली में आरएसएस की ड्रेस पहने युवकों को जंजीर से बंधा हुआ दिखाया था जिस पर काफी विवाद मचा था। संगठन पर केरल में कई हिंदूवादी संगठनों के नेताओं की हत्या में शामिल होने के आरोप लगते रहे हैं। इसके अलावा टेरर लिंक, दिल्ली-यूपी में सीएए-एनआरसी के खिलाफ हुए प्रदर्शन को फाइनेंस करने, हिजाब मुद्दे को सुलगाने और हाथरस कांड के दौरान हिंसा भड़काने का आरोप भी लगता रहा है।