Chhath Puja 2025 Nahay Khay: लोकआस्था का महापर्व छठ नहाय-खाय के साथ आज से शुरू, नहाय-खाय की विधि और महत्व जानिए

जिसमें कद्दू की सब्जी, चावल, चना दाल आदि प्रमुख होते हैं। व्रती का मानना है कि नहाय-खाय के दिन किए गए शुद्धिकरण से छठी मां की कृपा प्राप्त होती है।

Chhath Puja 2025 Nahay Khay: कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को नहाय-खाय के साथ आज से लोकआस्था का महापर्व यानी छठ पर्व शुरू हो रहा है। चार दिनों तक चलने वाले छठ का आज पहला दिन है। यह चार दिनों तक चलने वाले महापर्व की पहली कड़ी है, जो शारीरिक और मानसिक शुद्धता का प्रतीक मानी जाती है। छठ पूजा का मुख्य उद्देश्य सूर्य देवता की पूजा और प्रकृति के प्रति आभार व्यक्त करना है।

नहाय-खाय का महत्व

नहाय-खाय का दिन विशेष रूप से व्रतधारी की पवित्रता और मानसिक शुद्धता का प्रतीक होता है। इस दिन व्रती शरीर, आत्मा और घर को शुद्ध करते हैं। पवित्र नदी में स्नान करने के बाद, सूर्योदय से पूर्व सूर्य देव को जल अर्पित कर पूजा की जाती है। इसके साथ ही व्रती घर की सफाई करते हैं और घर के प्रत्येक कोने को शुद्ध करते हैं। इस दिन से व्रतधारी सात्विक जीवन के मार्ग पर चलते हैं, और उनका संकल्प होता है कि वे इस पर्व के दौरान केवल शुद्ध और सात्विक आचरण अपनाएंगे।

नहाय-खाय की विधि

नहाय-खाय की शुरुआत सूर्योदय से पहले उठकर पवित्र स्नान करने से होती है। इस दिन गंगा नदी या किसी अन्य पवित्र नदी में स्नान करना शुभ माना जाता है। स्नान के बाद व्रती घर की साफ-सफाई करते हैं, विशेष रूप से रसोईघर की सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है। इसके बाद व्रति शाकाहारी भोजन करते हैं, जिसमें कद्दू की सब्जी, चावल, चना दाल आदि प्रमुख होते हैं। व्रती का मानना है कि नहाय-खाय के दिन किए गए शुद्धिकरण से छठी मां की कृपा प्राप्त होती है।

यह पर्व विशेष रूप से बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और नेपाल में धूमधाम से मनाया जाता है, और इसके माध्यम से लोग सूर्य देवता के प्रति अपनी आस्था और श्रद्धा व्यक्त करते हैं।

Related Articles

Back to top button