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बच्चों के नाम पर फर्जीवाड़ा…सरकारी रिकॉर्ड तक से छेड़छाड़! SIT की जांच में हुए चौकानें वाले खुलासे!

Dehradun: आरोपियों ने अपने नाबालिक बच्चों के नाम भी फर्जी तरीके से जमीन करा दी और अब बच्चे उस जमीन को दूसरों के नाम कर रहे हैं। इस खेल में...

Dehradun: राजधानी देहरादून में जमीनों का कारोबार जितनी तेजी से बढ़ा है, उतनी ही तेजी से फर्जीवाड़ा भी सामने आया है। दो साल पहले उजागर हुए फर्जी रजिस्ट्री घोटाले में पुलिस ने अब तक 20 लोगों को जेल भेज दिया है, लेकिन एसआईटी की जांच में जो खुलासे हो रहे हैं, वे इस पूरे गोरखधंधे की गहराई को उजागर कर रहे हैं।

फर्जी रजिस्ट्री से करोड़ों की धोखाधड़ी
आरोपियों ने 2000 एकड़ यानी 9 करोड़ स्क्वायर फीट जमीन के फर्जी दस्तावेज तैयार कर करोड़ों की सरकारी और निजी संपत्तियों पर फर्जी हक जताने की साजिश रची। वही सैकड़ों शिकायतें आने के बाद मुकदमें भी दर्ज किए गए हैं। यह घोटाला 1948 के असली दस्तावेजों में हेरफेर करके अंजाम दिया गया था। पुराने रिकॉर्ड हटाकर फर्जी कागजात तैयार किए गए, जिससे लाखों-करोड़ों की जमीनों पर अवैध कब्जे का खेल खेला गया।

रजिस्ट्रार कार्यालय की मिलीभगत
इतना ही नहीं, आरोपियों ने अपने नाबालिक बच्चों के नाम भी फर्जी तरीके से जमीन करा दी और अब बच्चे उस जमीन को दूसरों के नाम कर रहे हैं। इस खेल में केवल आरोपी नहीं थे, बल्कि सहारनपुर में स्थित रजिस्ट्रार कार्यालय के कर्मचारियों की भी मिलीभगत थी। रजिस्ट्रार कार्यालय के कर्मचारी असली रजिस्ट्री निकालकर फर्जी रजिस्ट्री बनाते थे और उन्हें सुरक्षित रखते थे। अब इस मामले की गंभीरता को देखते हुए हैंडराइटिंग एक्सपर्ट की मदद ली जा रही है और सभी संदिग्ध रजिस्ट्री की गहन जांच जारी है।

एसआईटी की जांच और मुकदमे
2023 में जब यह मामला सामने आया, तो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर एसआईटी का गठन किया गया था। एसआईटी को अब तक 378 शिकायतें मिली हैं, जिनमें से 97 शिकायतों पर मुकदमा दर्ज करने के लिए निर्देश दिए गए थे, और अब तक 70 मुकदमे दर्ज किए गए हैं। एसआईटी की जांच के दौरान सरकार ने आदेश दिया है कि सभी संदिग्ध रजिस्ट्री की गहन जांच के बाद ही मुकदमा दर्ज किया जाए, ताकि कोई दोषी बच न सके और बेगुनाह फंसे नहीं।

अब क्या होगा?
देहरादून का यह फर्जी रजिस्ट्री घोटाला सिर्फ कुछ लोगों की साजिश नहीं, बल्कि एक सुनियोजित अपराध है, जिसमें सरकारी रिकॉर्ड तक से छेड़छाड़ की गई। बड़ा सवाल यह है कि जिनके हक की जमीनें फर्जी कागजों पर बेची गईं, उन्हें इंसाफ कब मिलेगा? एसआईटी की जांच जारी है, और आने वाले दिनों में इस घोटाले के और भी बड़े चेहरे सामने आने की उम्मीद है।

एसआईटी जांच जारी: एसआईटी के कार्यकाल में बढ़ोतरी की गई है और जांच में पूरी गंभीरता से संदिग्ध रजिस्ट्री पर ध्यान दिया जा रहा है।

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