घोसी लोकसभा सीट पर एनडीए इंडिया गठबंधन में कांटे की टक्कर, सवर्ण मतदाता निभायेंगे अहम भूमिका ?

जिले की घोसी लोकसभा सीट पर मुकाबला दिलचस्प होता जा रहा है। त्रिकोणीय मुकाबले में एनडीए गठबंधन, इंडिया गठबंधन और बसपा जोर आजमाइश में लगी हुई है लेकिन मुख्य मुकाबला एनडीए गठबंधन और इंडिया गठबंधन के ही बीच दिखाई देता नजर आ रहा है.हालांकि बसपा की मौजूदगी से भी इंकार नहीं किया जा सकता.आईएनडीआईए प्रत्याशी राजीव राय व बसपा प्रत्याशी बालकृष्ण चौहान मैदान में आ चुके हैं.तीनों चुनाव प्रचार में कूद भी चुके हैं.इसकी वजह से घोसी की राजनीतिक सरगर्मी पूरी तरह से बढ़ गई है. घोसी लोकसभा सीट पर इस बार सवर्ण मतदाता अहम भूमिका में नजर आ रहे हैं और एनडीए भी 2014 की कहानी दोहराने के फिराक में है गौरतलब है कि 2014 में घोसी लोकसभा सीट से भाजपा के हरि नारायण राजभर को जनता ने चुनकर संसद भेजा था.

दरअसल घोसी लोकसभा सीट पर सवर्ण मतदाताओं की संख्या सभी दलों को सोचने पर मजबूर कर रही है .यह वह मतदाता हैं जो एनडीए के बेस वोटर माने जाते रहे हैं। इस सीट पर राजपूत मतदाता लगभग 1लाख 80 हजार भूमिहार मतदाता लगभग 80000 और ब्राह्मण मतदाता लगभग 1 लाख जबकि श्रीवास्तव के लगभग 50000 वोट के करीब हैं.इस सीट पर बनिया बिरादरी के भी लगभग 80 हजार वोट हैं.ऐसे में अगर एनडीए सवर्ण मतदाताओं को अपनी तरफ खींचने में कामयाब होती है तो मुकाबला काफी दिलचस्प नजर आ सकता है.

फिलहाल एनडीए से प्रत्याशी ओमप्रकाश राजभर के पुत्र अरविंद राजभर हैं और उनकी पकड़ अपने बेस वोटरों पर मानी जाती है। हालांकि शुरुआत में भाजपा कार्यकर्ताओं की नाराजगी भी देखने को मिली लेकिन उपमुख्यमंत्री और जिले के दो कैबिनेट मंत्रियों के लगातार प्रयासों से भाजपा ने काफी हद तक डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश की गई.

कुल मिलाकर भाजपा और एनडीए गठबंधन ने घोसी लोकसभा सीट पर लगातार नजर बनाए हुए हैं और इस बार कोई कोर कसर छोड़ने को तैयार नहीं. 4 जून को आने वाले नतीजे ही बताएंगे की घोसी की जनता के मन में क्या है.

लेखक – मुनीष त्रिपाठी,पत्रकार, इतिहासकार और साहित्यकार है

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