
मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भारत समाचार को दिए गए इंटरव्यू में 80-20 वाले बयान पर कहा कि उनके इस बयान का हर कोई अलग-अलग मतलब निकाल रहा है। दरअसल, मुख्यमंत्री योगी ने कुछ दिनों पहले अपने चुनावी जनसभा को सम्बोधित करते हुए कहा था कि प्रदेश का विधानसभा चुनाव 80 बनाम 20 है। इसके बाद मुख्यमंत्री के इस बयान के कई अलग-अलग मायने निकाले गए।
भारत समाचार को दिए गए साक्षात्कार में सीएम योगी ने इस बयान का मतलब समझाते हुए कहा कि वास्तव में यह बयान को विभेदकारी बयान नहीं था। उन्होंने सीटों जीत हांसिल करने के प्रतिशत को इंगित करने के लिए यह बयान दिया और कहा कि चुनाव परिणामों में यह बात खुलकर सामने आएगी की भाजपा के खाते में 80 फीसद आएगी जबकि 20 फीसद सीटें विपक्ष के खाते में जा सकती हैं।
वही उन्होंने आतंक को लेकर दिए गए बयान में कहा कि सपा सरकार की संवेदनाये आतंकियों के साथ थी। सपा सरकार में ‘आतंकियों के मुकदमें वापस लेने की कोशिश की गई थी।’ सीएम ने अपने बयान में कहा कि आतंकी हमलों से यूपी का नाम खराब हुआ था और देश-प्रदेश की सुरक्षा से खिलवाड़ करने वालों को सत्ता का संरक्षण प्राप्त था।
भारत समाचार से खास बातचीत में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी पर सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि सपा ने आतंकियों के केस वापस लेने की कोशिश की थी। कानून व्यवस्था पर भी बोलते हुए सीएम योगी ने कहा कि पिछली सरकारों में प्रदेश की खराब कानून व्यवस्था के कारण यूपी ने पहचान खो दी थी। लेकिन आज प्रदेश की छवि बदली है।