नेशनल क्लाइमेट कॉन्क्लेव का सीएम योगी ने किया उद्घाटन, बोले- धरती के प्रति हमारी क्या जिम्मेदारी है बताने की जरूरत नही

प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज नेशनल क्लाइमेट कॉन्क्लेव का उद्घाटन कर 2 दिवसीय कॉन्क्लेव की आज हुई शुरुआत कर दी है।

प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज नेशनल क्लाइमेट कॉन्क्लेव का उद्घाटन कर 2 दिवसीय कॉन्क्लेव की आज हुई शुरुआत कर दी है। इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में यह 2 दिवसीय कार्यक्रम आयोजित हो रहा है। पर्यावरण के क्षेत्र में काम करने वाले अफसरों और समाज सेवियों को सम्मानित किया गया।

इस मौक पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्बोधित करते हुए कहा कि आज प्रदेश देश भर से आये सभी प्रतिनिधियो का स्वागत करता हुं। उन्होने कहा कि वर्तमान की चुनातियों को स्वीकार्य करते हुए नेशनल क्लाइमेट कान्क्लेव की जरूरत है, भारत की परम्परा हरदम से पर्यावरण के प्रति सह ह्रदय रही है, इसी लिए धरती को मां का दर्जा दिया गया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि धरती के प्रति हमारी क्या जिम्मेदारी है बताने की जरूरत नही है, क्लाइमेट में बदलाव बड़ी चुनौती है। उन्होने कहा कि इस वर्ष आपने देखा कि ओला वृष्टि बे मौषम बरसात हो रही है थी, देश के कई राज्यो में जिस तरह से बारिश हो रही है उससे कई राज्य प्रभावित है जब किसान को जरूरत है तब बारिश नही होती जब किसान की फसल तैयार हो जाती है तब बरसात हो रही है। उन्होने कहा कि लोगो ने अपने लाभ के लिए दोहन किया है पर्यावरण का, इस परेशानी के बीच हमे हल निकालना पड़ेगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पीएम के स्लोगन को आज दुनिया स्वीकार्य कर रही है, प्रदेश में जैसे जैसे आबादी बढ़ती गयी वन कटते गए, 2017 में जब हम लोग सरकार में आये तो एक वृक्ष लगाने के प्रोग्राम में जाना हुवा। उन्होने कहा कि पहले वर्ष हम लोगो ने 5 करोड़ अगले वर्ष दस करोड़ और अब 6 वर्षों में 135 करोड़ से ज्यादा का वृक्षारोपण किया गया है। उन्होने कहा कि आज आम आदमी में भी भाव जागा है कि पेड़ काटने नही बल्कि लगाना है। अमृत महोत्सव में हर गांव और जनपद को लक्ष्य रखा गया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गंगा में डॉल्फिन लुप्त हो गयी थी लेकिन आज मिर्जापुर प्रयागराज के बीच मे देख सकते है। उन्होने कहा कि कानपुर में हजारों लीटर गंदा पानी जाता था लेकिन उसको सुधारा गया है, 2019 का कुंभ सफलता की जिन उचाईयो को छुवा था उसकी सफलता में नमामि गंगा योजना का बड़ा हाथ था। उन्होने कहा कि 2013 में कुंभ का आयोजन हुवा था मॉरीशस के पीएम आये थे लेकिन गंगा को काला और गंदा पानी देख कर कहा था यही गंगा है आचमन करने लायक नही था। उन्होने कहा कि 2019 में जब हम लोग सरकार में आये और हम लोगो ने फिर आमंत्रित किया और उनके साथ 4 सौ लोगो का डेलिगेशन आया स्नान किया और जल लेकर भी गए।

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