रेडियो विभाग के स्थापना दिवस कार्यक्रम में सीएम योगी, बोले- उत्तर प्रदेश को लेकर लोगों की धारणा बदली

24 करोड़ से अधिक लोगों की उपस्थिति कुंभ में 2019 में रही थी.आज उत्तर प्रदेश को लेकर लोगों की धारणा बदली है जो लोग कुंभ आए थे.

उत्तर प्रदेश पुलिस के रेडियो विभाग के स्थापना दिवस कार्यक्रम में सीएम योगी आदित्यनाथ शामिल हुए. इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने कहा कि मुझे प्रसन्नता है की रेडियो विभाग एक अक्टूबर से तीन अक्टूबर तक स्थापना दिवस कार्यक्रम कर रहे हैं, इसकी ह्रदय से मैं बधाई देता हूं.

हम सब जानते है, जिस फोर्स और बल के साथ वो हमेशा विजेता रहेंगे. इतिहास इसे जानता है. हम इसे पढ़ते रहे है कोई भी संपूर्ण प्रभु साम्राज्य विजेता बन पाए.

आगे उन्होंने कहा कि तकनीक का क्या इस्तेमाल हो सकता है, सूचना के आदान प्रदान के साथ सटीक जानकारी सभी स्थलों तक पहुंचाना ये इस रेडियो विभाग और पुलिस विभाग की जिम्मेदारी रहती है. हमारी विरासत का हिस्सा कुंभ हमे जिम्मेदारी मिली थी.और ये सकुशल सुरक्षित कराया गया.

24 करोड़ से अधिक लोगों की उपस्थिति कुंभ में 2019 में रही थी.आज उत्तर प्रदेश को लेकर लोगों की धारणा बदली है जो लोग कुंभ आए थे, वो अनुभव और अच्छा संदेश लेकर गए. उत्तर प्रदेश में अच्छा संतुलन है उच्च कोटि की श्रेणी में गिना जाता है. सिविल पुलिस की तुलना में 1938 में वायरलेस सेट को कुंभ आयोजन में इस्तेमाल की शुरुवात की थी.उस वक्त तीन हाथियों के दल का सहारा लिया गया था. ताकि लोगों को किसी भी भगदड़ से बचाया जा सके और आज हम हाथियों के दल से हम मोबाइल सेट वायरलेस तक पहुंच गए.

हम तकनीक से भाग नहीं सकते लगातार इसके साथ काम कर समाज के सापेक्ष इस विभाग को निरंतर आगे बढ़ाता रहे. मुझे खुशी हुई कि जो यहां एकजीबेशन लगाई गई है.इसमें 1938 के उपकरणों को भी दर्शाया गया है.

हमने पुराने चीजों की मुजियाम नहीं बनाई बल्कि उन्हें स्क्रेब किया.प्रदेश में जब हमारी सरकार आई तो महज दो थाने साइबर थाने थे आज हमने ये आदेश दिया की हर प्रदेश में साइबर थाने हो.मास्टर ट्रेनर बनाने चाहिए.हर थाने में एक साइबर हेल्प डेस्क की स्थापना होनी चाहिए.टेक्नोलॉजी और साधनों का इस्तेमाल कर साइबर रोक सकते है.प्रयागराज में एक लूट होती है और चार लोग बाइक से आते है और लूटकर फरार होते है फिर लखनऊ पहुंचे फिर सीतापुर में लूटकर दोबारा लखनऊ आए. जिन्हें लखनऊ में गिरफ्तार किया गया. ये टेक्नोलॉजी का ही कमाल था, वरना वो अन्य प्रदेशों में इसी तरह से घटनाएं करते रहते. लेकिन तीसरे दिन ही लूट की घटनाएं खुल गई और सारी रकम भी बरामद हो गई. कावड़ यात्रा भी सफल निकाली गई सुरक्षित और शांतिपूर्ण संपन्न कराई गई.

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