
Coaching Institutes: कोचिंग संस्थानों में पढ़ाई करने वाले छात्रों को कई बार फीस वापसी को लेकर परेशानियों का सामना करना पड़ता है। लेकिन अब सरकार के हस्तक्षेप से 600 से अधिक छात्रों को 1.56 करोड़ रुपये की धनवापसी प्राप्त हुई है। उपभोक्ता मामले विभाग ने छात्रों की शिकायतों पर तेजी से कार्रवाई करते हुए यह राहत सुनिश्चित की।
कैसे मिली छात्रों को फीस की वापसी?
इन छात्रों ने सिविल सर्विस, इंजीनियरिंग और अन्य कोर्सेज के लिए कोचिंग संस्थानों में प्रवेश लिया था। लेकिन जब उन्होंने संस्थानों की शर्तों के अनुसार अपनी फीस वापसी की मांग की, तो उन्हें अनदेखा कर दिया गया। ऐसे में, छात्रों ने नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन (NCH) पर शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद विभाग ने तेजी से समाधान प्रक्रिया अपनाई और छात्रों को उनका पैसा वापस दिलवाया।
कोचिंग संस्थानों के लिए सरकार का सख्त निर्देश
उपभोक्ता मामले विभाग ने कोचिंग सेंटरों को सख्त निर्देश दिए हैं कि वे छात्रों की वित्तीय सुरक्षा को प्राथमिकता दें और पारदर्शी रिफंड पॉलिसी अपनाएं। अब किसी भी छात्र को बिना किसी ठोस कारण के फीस वापसी से वंचित नहीं किया जाएगा।सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यदि कोई कोचिंग संस्थान छात्रों के वैध रिफंड को रोकता है, तो उसे अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
छात्रों के लिए मददगार बनी नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन
नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन (NCH) छात्रों और उपभोक्ताओं के लिए एक प्रभावी प्लेटफॉर्म बनकर उभरी है। यह हेल्पलाइन उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों की जानकारी देने के साथ-साथ उनकी शिकायतों का निवारण भी करती है। यदि आपको कोचिंग संस्थान फीस वापसी से इनकार करता है, तो NCH पर शिकायत दर्ज करें और अपने अधिकारों की रक्षा करें।
छात्रों के हित में सरकार का बड़ा कदम
छात्रों को न केवल उनकी मेहनत की कमाई वापस मिली, बल्कि अब कोचिंग संस्थानों पर भी यह दबाव रहेगा कि वे पारदर्शी नियम अपनाएं। सरकार के इस हस्तक्षेप से छात्रों के अधिकारों की रक्षा हुई है और यह भविष्य में अन्य छात्रों के लिए भी एक मिसाल बनेगा।









