भारत में कॉफी उद्योग में बदलाव, उपभोक्ता अब इंस्टेंट कॉफी से स्पेशलिटी ब्रू की ओर बढ़ रहे

कोस्टार कॉस्मो टीम के अनुसार, "उपभोक्ता अब उच्च-तकनीकी ब्रूइंग उपकरण में निवेश करने को तैयार हैं, जो पेशेवर कौशल के बिना कैफ़े-मानक कॉफी प्रदान करता है।"

उत्साही ब्रूइंग विधियों और उच्च गुणवत्ता वाली कॉफी बीन्स की बढ़ती मांग

नई दिल्ली: भारत में कॉफी उद्योग में एक महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिल रहा है, जहां उपभोक्ता अब इंस्टेंट कॉफी से स्पेशलिटी ब्रू और एडवांस्ड होम ब्रूइंग विधियों की ओर रुख कर रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, यह बदलाव बढ़ती हुई आय, वैश्विक एक्सपोज़र और बदलती स्वाद प्राथमिकताओं के कारण हो रहा है।

शहरी उपभोक्ता उच्च गुणवत्ता वाली कॉफी बीन्स की ओर आकर्षित

शहरी उपभोक्ता अब उच्च गुणवत्ता वाली, सिंगल-ओरिजिन बीन्स और आर्टिसनल ब्रूइंग तकनीकों को प्राथमिकता दे रहे हैं। एक कॉफी विशेषज्ञ ने कहा, “लोग अब यह नियंत्रित करना चाहते हैं कि उनकी कॉफी कैसे बनाई जाए, उनका फोकस स्वाद और ताजगी पर है।”

होम कॉफी मशीनों की बढ़ती मांग

कॉफी मशीनों की मांग भी तेजी से बढ़ रही है, खासकर मेट्रो शहरों में। कंप्रैक्ट, फुली ऑटोमेटेड मशीनें, जो कैफ़े-स्टाइल पेय प्रदान करती हैं, लोकप्रिय हो रही हैं। कोस्टार कॉस्मो टीम के अनुसार, “उपभोक्ता अब उच्च-तकनीकी ब्रूइंग उपकरण में निवेश करने को तैयार हैं, जो पेशेवर कौशल के बिना कैफ़े-मानक कॉफी प्रदान करता है।”

संस्कृतिक विविधता और ब्रांड विश्वसनीयता का संबंध

एक हालिया मिंटेल रिपोर्ट में पाया गया कि 73% कॉफी उपभोक्ता मानते हैं कि सांस्कृतिक विविधता ब्रांड की विश्वसनीयता को बढ़ाती है। विशेषज्ञों का यह भी मानना ​​है कि जन Z उपभोक्ता अब व्यक्तिगत सिफारिशों से अधिक सामूहिक ज्ञान पर भरोसा करने लगे हैं।

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