
देश की कमर्शियल व्हीकल (CV) इंडस्ट्री एक बार फिर रफ्तार पकड़ रही है। क्रिसिल रेटिंग्स की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2025-26 में घरेलू बाजार में कमर्शियल वाहनों की बिक्री 10 लाख यूनिट्स का आंकड़ा पार कर सकती है। यह उपलब्धि सात साल बाद हासिल होने की उम्मीद है, जो आखिरी बार FY19 में देखने को मिली थी।
FY25 में देश में कुल 9,56,671 यूनिट्स की बिक्री हुई, जो पिछले साल की तुलना में 1.2% कम रही। हालांकि, चौथी तिमाही (Q4FY25) में बिक्री में 1.5% की वृद्धि दर्ज की गई है, जो इंडस्ट्री के रिकवरी की तरफ इशारा करती है।
ई-कॉमर्स और छोटे शहरों की मांग
रिपोर्ट के अनुसार, कुल बिक्री में लाइट कमर्शियल व्हीकल्स (LCVs) का हिस्सा लगभग 62% रहेगा। इसकी वजह है ई-कॉमर्स कंपनियों की बढ़ती डिमांड और टियर-2, टियर-3 शहरों में वेयरहाउसिंग नेटवर्क का विस्तार।
इंफ्रास्ट्रक्चर और रिप्लेसमेंट डिमांड से मिलेगा सपोर्ट
क्रिसिल का मानना है कि इस साल घरेलू CV सेल्स में 3–5% की बढ़त देखने को मिल सकती है। इसके पीछे दो बड़े फैक्टर हैं – एक, केंद्र सरकार की कैपिटल एक्सपेंडिचर में 10–11% की बढ़ोतरी, और दूसरा, पुराने वाहनों का रिप्लेसमेंट साइकिल, खासकर FY17–FY19 के बीच खरीदे गए वाहनों का।
मीडियम और हेवी व्हीकल्स में 2–4% की ग्रोथ की उम्मीद
क्रिसिल के अनुसार, कंस्ट्रक्शन, रोडवर्क और मेट्रो-रेल प्रोजेक्ट्स की वजह से मीडियम और हेवी कमर्शियल व्हीकल्स (M&HCVs) की बिक्री में 2–4% की वृद्धि हो सकती है। वहीं, LCVs की ग्रोथ रेट 4–6% रहने की उम्मीद है।
रेगुलेटरी बदलाव से कीमतों में इज़ाफा
अक्टूबर 2025 से ट्रक कैबिन्स में एयर कंडीशनर अनिवार्य होने जा रहा है। इससे प्रति वाहन लागत में ₹30,000 तक की बढ़ोतरी हो सकती है। वाहन निर्माता पहले ही जनवरी 2025 में 2–3% कीमतें बढ़ा चुके हैं और आने वाले समय में और बढ़ोतरी संभव है।
मजबूत मुनाफा, स्थिर क्रेडिट आउटलुक
क्रिसिल ने प्रमुख चार CV कंपनियों का विश्लेषण किया है, जो कुल बिक्री का 70% हिस्सा रखती हैं। इन कंपनियों की वित्तीय स्थिति मजबूत बताई गई है, जिनका डेब्ट-टू-EBITDA अनुपात लगभग 1 और इंटरेस्ट कवरेज रेशियो करीब 10 है। मुनाफा मार्जिन भी 11–12% के स्तर पर बना हुआ है।
EV और सेफ्टी में निवेश बढ़ेगा
इंडस्ट्री का कुल कैपेक्स FY26 में 12–15% बढ़ने की उम्मीद है, जिसका फोकस सेफ्टी, एमिशन कंप्लायंस और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पर होगा। टॉप कंपनियां लगभग ₹4,500 करोड़ निवेश करने की योजना में हैं। कैपेक्स-टू-EBITDA अनुपात 0.3 से नीचे रहने की उम्मीद है।
इलेक्ट्रिक बस सेगमेंट को मिलेगा बढ़ावा
PM-eBus Sewa योजना के तहत सरकार 100 शहरों में 10,000 इलेक्ट्रिक बसें लाने की योजना बना रही है। इस पर ₹57,613 करोड़ का बजट रखा गया है, जिससे इलेक्ट्रिक बस मार्केट को बड़ा बूस्ट मिल सकता है।









