
वाराणसी; कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला की मुश्किलें 22 साल पुराने मामले में बढ़ गई हैं। वाराणसी की एमपी-एमएलए कोर्ट ने रणदीप सुरजेवाला को राहत देने की अर्जी को खारिज करते हुए गैर जमानती वारंट (NBW) जारी किया है। इसके साथ ही कोर्ट ने रणदीप सुरजेवाला को 9 जून को पेश होने का आदेश दिया है। सुरजेवाला के अधिवक्ता ने बताया कि सुरजेवाला को आरोप पत्र से मुक्त करने के लिए एक अर्जी हाईकोर्ट में दाखिल की गई है, ऐसे में कोर्ट से गुहार लगाई गई है कि जब तक हाई कोर्ट का निर्णय आने तक सुरजेवाला को अवसर दिया जाए। एमपी-एमएलए कोर्ट ने इस अर्जी को खारिज कर दिया है।
22 साल पहले संवासिनी कांड के विरोध में हुआ था उग्र प्रदर्शन
21 मई वर्ष 2000 में बहुचर्चित संवासिनी कांड के विरोध में वाराणसी के जिला मुख्यालय पर कांग्रेस ने प्रदर्शन किया था। उस दौरान चक्काजाम, सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाते हुए आयुक्त कार्यालय में तोड़फोड़ किया गया। उस समय युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष रणदीप सुरजेवाला और प्रदेश अध्यक्ष एमपी गोस्वामी के नेतृत्व में प्रदर्शन हुआ। आरोप है कि आयुक्त कार्यालय ने नेताओं के नेतृत्व में उग्र प्रदर्शन करते हुए कार्यकर्ता आयुक्त कार्यालय में तोड़फोड़ करने के साथ सरकारी दस्तावेजों को नुकसान पहुंचाया और पुलिस पर पथराव किया। अब इस मामले में रणदीप सुरजेवाला को 9 जून को वाराणसी के एमपी – एमएलए कोर्ट में हाजिर होना पड़ेगा।
रिपोर्ट : नीरज जायसवाल, वाराणसी