अफजाल अंसारी के चुनाव प्रचार पर असहज हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय, कहा- प्रदेश में अपने पार्टी के प्रत्याशियों का करूंगा प्रचार !

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि OP राजभर मेरे विधानसभा के रहने वाले है, उनसे भाई के नाते कहना चाहता हूं कि जल्द वह बीजेपी से मुक्त हो जाए।

वाराणसी। उत्तर प्रदेश में तमाम कवायतों के बाद समाजवादी पार्टी और कांग्रेस में हुए इंडी गठबंधन के तहत सीटों का बंटवारा हुआ। समाजवादी पार्टी ने अपने खाते में आए 63 सीटो पर प्रत्याशियों के नाम की घोषणा शुरू कर दिया है। वही सपा प्रत्याशियों में एक नाम कांग्रेस के लिए मुस्किले खड़ी कर दी है। सपा ने गाजीपुर से मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी के प्रत्याशी बनाया है। ऐसे में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय के लिए गाजीपुर की सीट गले की हड्डी बन गई है। क्योंकि सपा प्रत्याशी अफजाल अंसारी के भाई मुख्तार अंसारी को अजय राय के भाई अवधेश राय के हत्या के आरोप में उम्र कैद की सजा हुई है। इस मामले में मुख्य गवाही कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने दिया था और मुख्तार अंसारी को सजा दिलवाया था। ऐसे में अब सपा -कांग्रेस के बीच हुए इंडी गठबंधन के बाद बतौर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय को अफजाल अंसारी के समर्थन में वोट मांगना होगा।

वही, जब यह बात अजय राय से पूछा गया कि क्या अपने भाई के हत्या के आरोप में सजा काट रहे मुख्तार अंसारी के भाई के समर्थन में प्रचार करेंगे, तो अजय राय काफी असहज हो गए। अजय राय ने इस सवाल पर अपना बचाव करते हुए कहा कि “मैं कांग्रेस पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष हूं, कांग्रेस पार्टी के जहां भी प्रत्याशी खड़े रहेंगे उनका प्रचार कर और चुनाव जिताऊंगा।” अजय राय ने सपा प्रत्याशी अफजाल अंसारी के समर्थन में चुनाव प्रचार न करने की बात को सीधे तौर पर नहीं बल्कि कांग्रेस के प्रत्याशियों के समर्थन में चुनाव प्रचार करने की बात कह बचते नजर आए।

ओपी राजभर को अजय राय ने दिया सलाह, जल्द से जल्द हो बीजेपी से मुक्त !

पूर्वांचल की राजनीति में अपनी अच्छी पकड़ रखने वाले सुभासपा के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर पर अपनी सहानुभूति जताते हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि ओपी राजभर में विधानसभा के रहने वाले है, मैं उनसे अपने परिवार और भाई के नाते कहना चाहता हूं कि जल्द से जल्द वह बीजेपी से मुक्त हो जाए। यदि ऐसा नहीं तो बीजेपी जल्द ही उन्हें खत्म कर देगी। अभी हाल ही में राज्यसभा के चुनाव के दौरान उनके दो विधायक टूट गए, जब यह बीजेपी से लड़ रहे थे, तो सभी विधायक इनके साथ थे और जैसे ही बीजेपी में गए उनके अपने विधायक टूट गए। ओपी राजभर बीजेपी को 400 सीट दिलाने के चक्कर में कही अपना घाटा न कर लें।

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