20 नवंबर को ‘किसान विजय दिवस’ के रूप में मनाएगी कांग्रेस, राज्य इकाइयों को किया सूचित

शुक्रवार को केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने पिछले साल के शुरुआत में पारित किये गए तीन कथित विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त करने का निर्णय लिया। इसके बात किसानों के इस मुद्दे पर जमकर राजनीति शुरू हो गयी है। इस क्रम में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने केंद्र सरकार के “कथित रूप से गलत तीन कृषि कानूनों को लागू किये गए फैसलों के खिलाफ किसानों की लगातार और उत्साही लड़ाई” को मान्यता देने के लिए शनिवार, 20 नवंबर को देश भर में ‘किसान विजय दिवस’ मनाने का फैसला किया है।

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के एक आधिकारिक बयान में बताया गया है कि, कांग्रेस ने अपनी स्थानीय राज्य इकाइयों को कल देश भर में किसान विजय रैलियों और संबंधित राजनीतिक कार्यक्रमों का आयोजन करने के लिए कहा है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने सभी राज्य इकाइयों को शनिवार को राज्य, जिला और ब्लॉक स्तर पर इस तरह की रैलियां और कैंडल मार्च आयोजित करने का निर्देश दिया।

पार्टी की राज्य इकाई के प्रमुखों को लिखे एक पत्र में, वेणुगोपाल ने कहा कि तीन “कठोर” कृषि कानूनों को निरस्त करना किसानों की जीत है। यह किसानों के विरोध, उनके बलिदान और कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी के नेतृत्व में एकजुट विपक्ष की साल भर की अडिग लड़ाई का परिणाम है।

‘किसान विजय दिवस’ के अवसर पर राज्य इकाइयों के तमाम कांग्रेस नेता आंदोलन के दौरान मारे गए 700 से अधिक किसानों के परिवारों से भी मिलेंगे और दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए कैंडल मार्च और रैलियां करेंगे। वेणुगोपाल ने कहा, “आइए हम इसे किसानों की ऐतिहासिक जीत के रूप में मनाने के लिए देशव्यापी कार्यक्रम का आयोजन करें और अपने-अपने क्षेत्रों में शहीद किसानों के परिवारों का दौरा करके किसान संघर्ष की जीत को चिह्नित करें।”

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