सर्दी के मौसम में सबसे ज्यादा मार्ग दुर्घटनाएं होती हैं, बस्ती एनएच-28 पर रफतार संग साल-दर-साल हादसों की संख्या में इजाफा हो रहा है। हर साल एक्सीडेण्ट में मरने वालों की संख्या का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। रोड हादसों में बड़ी संख्या में लोग अपनी जान गंवा रहे है। बहोत से लोग मार्ग दुर्घटनाओं में अपंग भी हो रहे हैं। जगह-जगह अवैध कट्स और यातायात नियम का पालन न होने की वजह से एक्सीडेंट का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। इसे रोकने के लिए व्यापक स्तर पर पहल होनी चाहिए।
जिले में नेश्नल हाइवे बनने से गाड़ियों की रफतार तो बढ़ी,लेकिन सड़क सुरक्षा के व्यापक इंजेजाम न होने से हादसों की संख्या में साल-दर साल इजाफा होता जा रहा है। पिछले 5 सालों में हादसों में 60 प्रतिशत की वृद्धी हुई है,जिले के 80 किलो मीटर हाइवे पर 13 डेंजर प्वाइंट चिन्हित किए गए हैं। जहां पर सबसे ज्यादा एक्सीडेंट होते हैं। हादसों में मरने व घायल होने की बात की जाए तो 2018 में 382 हादसे हुए। जिसमें 261 की मौत और 249 लोग घायल हुए। 2019 में 388 हादसे हुए जिसमें 245 की मौत और 240 घायल हुए। 2020 में 288 हादसे हुए जिसमें 245 की मौत और 175 घायल हुए।
इन आंकड़ो को आप देख कर आसानी से अंदाजा लगा सकते हैं कि एक्सीडेंट का किस तेजी के साथ ग्राफ बढ़ता जा रहा है। हादसों में ज्यादा तर मरने वालों की अम्र 25 से 40 वर्ष के बीच है,जब कोई बड़ा हादसा होता है तो प्रशासन स्तर से पुलिस,आरटीओ और एनएचआई को निर्देश दिए जाते हैं। लेकिन कुछ समय बीतने के बाद फिर वही पुराना सिस्टम शुरू हो जाता है। सर्दी के मौसम में सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं होती है। हाइवे पर खड़े वाहन और फाग की वजह से आए दिन दुर्घनाएं सामने आती हैं। दुर्घनाओं को रोकने के लिए जिला प्रशासन के द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता, जिसकी वजह से साल-दर-साल आंकड़ा बढ़ता जा रहा है।