
क्रिकेटर मोहम्मद शमी पर रोजा न रखने को लेकर आलोचना हो रही है। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शाहबुद्दीन रिजवी ने शमी को चेतावनी दी और कहा कि रोजा न रखना शरीयत का उल्लंघन है। उन्होंने इस्लाम की नजर में रोजा रखने को फर्ज बताया और कहा कि बीमारी के अलावा रोजा छोड़ना गुनाह है।
रिजवी के बयान के बाद सोशल मीडिया पर इस मुद्दे पर बहस छिड़ गई है, जहां कुछ लोग शमी के समर्थन में उतरे, तो कुछ ने उनका विरोध किया। ट्रोलर्स ने भी इस मामले में शमी को निशाना बनाया। मौलाना रिजवी का कहना था कि शमी का रोजा न रखना इस्लाम के खिलाफ है और उन्हें अपने धर्म का पालन करना चाहिए।
इस पर भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा कि आस्था एक व्यक्तिगत मामला है। किसी व्यक्ति को उसकी आस्था के आधार पर निशाना नहीं बनाना चाहिए। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि नवरात्रि या जन्माष्टमी के व्रत को लेकर कोई किसी को मजबूर नहीं करता, फिर रोजा न रखने पर किसी को गुनहगार क्यों माना जा सकता है। त्रिपाठी ने मौलाना रिजवी की दादागिरी को नकारते हुए इसे व्यक्तिगत स्वतंत्रता का उल्लंघन बताया।