कॉप-26 जलवायु शिखर सम्मेलन ग्लासगो में आयोजित किया गया जहां पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, इंफ्रास्ट्रक्चर फॉर रिसाइलेंट आईलैंड स्टेट्स’ का लॉन्च एक नई आशा जगाता है, नया विश्वास देता है। ये सबसे वल्नरेबल देशों के लिए कुछ करने का संतोष देता है। मैं इसके लिए कोएलिशन फॉर डिजास्टर रेजिस्टेंस इंफ्रास्ट्रक्चर को बधाई देता हूं। इस महत्वपूर्ण मंच पर मैं ऑस्ट्रेलिया और यूके समेत सभी सहयोगी देशों और विशेष रूप से मोरेसेस और जमैका समेत छोटे द्वीप समूहों के नेताओं का स्वागत करता हूं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, पिछले कुछ दशकों ने सिद्ध किया है कि जलवायु परिवर्तन के प्रकोप से कोई भी अछूता नहीं है। विकसित देश हों या फिर प्राकृतिक संसाधनों से धनी देश सभी के लिए ये बहुत बड़ा खतरा है। इसमें भी जलवायु परिवर्तन से सब से अधिक खतरा स्मॉल आईलैंड डेवलपिंग स्टेट्स को है। भारत की स्पेस एजेंसी इसरो, सिड्स के लिए एक स्पेशल डेटा विंडो का निर्माण करेगी। इससे सिड्स को सैटेलाइट के माध्यम से सायक्लोन, कोरल-रीफ मॉनीटरिंग, कोस्ट-लाइन मॉनीटरिंग आदि के बारे में समय रहते जानकारी मिलती रहेगी।
पीएम बोले, IRIS के लॉन्च को बहुत अहम मानता हूं। IRIS के माध्यम से सिड्स को प्रौद्योगिकी, वित्तिय सहायता, जरूरी जानकारी तेजी से जुटाने में आसानी होगी। स्मॉल आईलैंड डेवलपिंग स्टेट्स में क्वालिटी इंफ्रास्ट्रक्चर को प्रोत्साहन मिलने से वहां जीवन और आजीविका दोनों को लाभ मिलेगा।