
वाराणसी में कफ सिरप के अवैध कारोबार से जुड़ा एक बड़ा मामला सामने आया है, जिसमें 28 दवा कारोबारियों पर केस दर्ज किया गया है। इस घोटाले में 102 फर्मों के शामिल होने की बात सामने आई है, जिनमें से 26 फर्मों के लाइसेंस निरस्त किए जाएंगे। ड्रग विभाग की जांच में यह बात भी सामने आई कि फेंसेडिल कफ सिरप का प्रोडक्शन दिसम्बर 2024 में बंद हो चुका था, लेकिन इसके बावजूद इसका अवैध रूप से व्यापार जारी था।
वाराणसी – 28 दवा कारोबारियों पर केस दर्ज होने का मामला
— भारत समाचार | Bharat Samachar (@bstvlive) November 17, 2025
➡कफ सिरप की खरीद बिक्री में 102 फर्म शामिल
➡मामले में 26 फर्मों के लाइसेंस होंगे निरस्त
➡28 दवा कारोबारियों पर पहले ही दर्ज हो चुके केस
➡76 और दवा कारोबारियों पर होगी कार्रवाई
➡फेंसेडिल का प्रोडक्शन दिसंबर 2024 में हुआ… pic.twitter.com/qVhtm2lQNQ
इस मामले में गिरोह के सरगना शुभम जायसवाल और उसके पिता बोला प्रसाद को मुख्य आरोपी माना जा रहा है। दोनों शैली ट्रेडर्स के मालिक हैं और कफ सिरप को अलग-अलग राज्यों में सप्लाई करते थे। विशेष रूप से, बिहार में कफ सिरप का नशे के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा था।
ड्रग विभाग ने इस मामले में जांच का दायरा बढ़ा दिया है और अब तक कुल पांच टीमें जांच में जुटी हैं। इन टीमों को अलग-अलग जनपदों से बुलाया गया है। जांच में अब तक शुभम जायसवाल और उसके पिता की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है, हालांकि गाजियाबाद में भी शुभम के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।इस मामले में 76 और दवा कारोबारियों पर कार्रवाई की योजना है, जिससे इस अवैध नेटवर्क पर और भी शिकंजा कसा जा सके।









