यूरोप में कोरोना के प्रतिदिन सर्वाधिक मामले सामने आ रहे हैं। रूस भी कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों से अछूता नहीं है। भले ही अपने देश के लोगों को इसके कहर से बचाने के लिए रूस ने सबसे पहले स्पुतनिक-वी नाम की वैक्सीन विकसित क्यों ना कर लिया हो लेकिन टीकाकरण की धीमी रफ्तार इस पूरे अभियान पर पानी फेर दिया है।
रूस में पिछले 24 घंटे में कोरोना के कुल 40 हजार से भी अधिक मामले सामने आए हैं। जिनमें से अधिकांश मामले अकेले राजधानी मॉस्को में मिले हैं। विशेषज्ञ और चिकित्सक इसे नए कोरोना के नए वैरिएंट का हमला बता रहे हैं। इतने अधिक मामलों को देखते हुए रूस की पुतिन सरकार ने फिलहाल मॉस्को शहर में 11 दिन का लॉकडाउन लगाने का फैसला किया है।
दरअसल, पिछले कुछ समय से रूस में कोरोना के मामलों में कमी आई थी जिसके बाद यहां कोविड प्रोटोकॉल्स में कुछ छूट दे गई थी लेकिन बावजूद इसके लोगों के बीच इस दौरान गंभीर लापरवाही देखने को मिली थी। ऐसा माना जा रहा है कि प्रतिबंधों में दिया गया यह छूट कोविड मामलों को बढ़ाने का जिम्मेदार है। मॉस्को में इस लॉकडाउन के तहत सभी मॉल्स, मल्टीप्लेक्स, रेस्टोरेंट और अन्य सार्वजनिक प्रतिष्ठानों को 11 दिनों तक बंद रखने का आदेश है।