
New Delhi: वित्त वर्ष 2024 में केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (CPSE) का शुद्ध लाभ 47 प्रतिशत बढ़कर 3.22 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया, जबकि वित्त वर्ष 2023 में यह 2.18 लाख करोड़ रुपये था। यह वृद्धि मुख्यतः पेट्रोलियम क्षेत्र की कंपनियों के मुनाफे में वृद्धि के कारण हुई। 2023 में CPSE का शुद्ध लाभ 15 प्रतिशत घटा था।
तेल और प्राकृतिक गैस निगम (ONGC) ने सबसे अधिक 40,526 करोड़ रुपये का लाभ कमाया, जो पिछले वर्ष के मुकाबले मामूली वृद्धि है। इसके बाद इंडियन ऑयल का स्थान रहा, जिसने 3.8 गुना लाभ वृद्धि के साथ 39,619 करोड़ रुपये का मुनाफा दर्ज किया।
हालाँकि, भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) वित्त वर्ष 2024 में 5,371 करोड़ रुपये के घाटे में रहा, जबकि राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड (RINL) का घाटा 4,849 करोड़ रुपये रहा।
इस दौरान CPSE द्वारा घोषित लाभांश 16.3% बढ़कर 1.23 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो 2023 में 1.05 लाख करोड़ रुपये था। हालांकि, इन कंपनियों का सकल राजस्व 4.7% घटकर 36.08 लाख करोड़ रुपये रह गया।
केंद्र सरकार के कुशल पूंजी प्रबंधन के चलते 31 मार्च, 2024 तक 66 सूचीबद्ध CPSE का कुल बाजार पूंजीकरण 121% बढ़कर 37.23 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो 31 मार्च, 2023 तक 16.85 लाख करोड़ रुपये था। इसमें प्रमुख योगदान एनटीपीसी, ओएनजीसी, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स, कोल इंडिया और भारतीय रेलवे वित्त निगम का रहा।
वेतन और मजदूरी में लगभग 4% का इज़ाफा हुआ, जो बढ़कर 1.72 लाख करोड़ रुपये हो गया। हालांकि, नियमित कर्मचारियों की संख्या 3.1% घटकर 8 लाख हो गई, जबकि संविदा कर्मचारियों की संख्या 8.8% बढ़कर 7 लाख हो गई, जो कंपनियों के बढ़ते संविदा कर्मचारियों की ओर इशारा करता है।
इस वित्त वर्ष में CPSE द्वारा अनुसंधान और विकास (R&D) खर्च में 50% की वृद्धि हुई, जो बढ़कर 10,813 करोड़ रुपये हो गया, जबकि 2023 में यह 7,233 करोड़ रुपये था। इसमें सबसे अधिक योगदान देने वाली कंपनियाँ इंडियन ऑयल, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स, भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स, ONGC और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन रही हैं।