गंगा दशहरा पर काशी में उमड़ा श्रद्धालुओं का जनसैलाब, लाखों श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी

पौराणिक कथाओं के अनुसार आज के दिन ही रहा भागीरथी ने अपने पूर्वजों के उद्धार के लिए तपस्या कर मां गंगा को स्वर्गलोक से लेकर आया था।

ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा का पर्व मनाया जाता है। मान्यता के अनुसार गंगा दशहरा के दिन ही मां गंगा स्वर्ग लोक से पृथ्वी लोक पर अवतरित हुई थी। रविवार को गंगा दशहरा का पर्व होने को लेकर धर्म की नगरी वाराणसी में गंगा स्नान के लिए ब्रह्म मुहूर्त से ही आस्थावानो का जनसैलाब उमड़ा। लाखों की संख्या में गंगा घाट पहुंच आस्थावान मां गंगा में आस्था की डुबकी लगाई। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार गंगा दशहरा पर मां गंगा में डुबकी लगाने से आरोग्य व अमृत योग की प्राप्ति के साथ दस पाप कट जाते है। ऐसे में काशी में अस्थावन मां गंगा में स्नान और ध्यान के साथ पूजन के पश्चात दान -पुण्य कर रहे है।

क्या है गंगा दशहरा का पौराणिक मान्यता?, गंगा स्नान संभव न होने पर करे ये काम

पौराणिक कथाओं के अनुसार आज के दिन ही रहा भागीरथी ने अपने पूर्वजों के उद्धार के लिए तपस्या कर मां गंगा को स्वर्गलोक से लेकर आया था। स्वर्गलोक से पृथ्वी लोक पर मां गंगा भगवान शिव की जटाओं से होकर निकली। कहा जाता है, कि तभी से जेष्ठ मास के शुक्ल पक्ष के दशमी तिथि को मां गंगा के पूजा और विशेष स्नान की परंपरा शुरू हुई।

कहा जाता है, कि आज के दिन मां गंगा में आस्था की डुबकी लगा ध्यान और दान करने से लोगो का उद्धार होता है। काशी के पुजारियों के अनुसार जो लोग आज के दिन मां गंगा में स्नान करना जिनके लिए संभव नहीं हो वह श्रद्धालु शीतल जल में गंगा जल और तुलसी का पत्ता मिलाकर स्नान कर सकते है। वही स्नान के पश्चात वह भगवान भास्कर को जल अर्पित कर मां गंगा की आराधना करे और तत्पश्चात निर्धन व्यक्तियों और ब्राह्मणों को दान पुण्य करे।

काशी में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम, सीसीटीवी और ड्रोन से निगरानी

वाराणसी में गंगा दशहरा पर गंगा तट पर उमड़े लाखो श्रद्धाओं को देखते हुए वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस ने सुरक्षा के खास इंतेजाम किए है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए जहां सभी थानों की पुलिस टीम के साथ अतिरिक्त पीएसी के जवान लगाए गए है, तो वही सादे वस्त्र में भी पुलिस और इंटेलिजेंस के जवान तैनात किए गए है। वाराणसी के सभी घाटों की निगरानी पुलिस टीम सीसीटीवी और ड्रोन कैमरों से कर रही है। जबकि एनडीआरएफ और जल पुलिस की टीम लगातार गंगा नदी में श्रद्धालुओं को गहरे पानी में स्नान न करने की अपील कर रहें है।

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