उत्तरप्रदेश के चित्रकूट मे 5 लाख के इनामी डकैत गौरी यादव को यूपी एसटीएफ ने आधी रात को मुठभेड़ में मार गिराया था। यूपी एसटीएफ सूचना पर चित्रकूट के बाहिलपुरवा थाना क्षेत्र के माधा के पास जंगल में पहुंची थी। जहां गौरी यादव के गिरोह से यूपी एसटीएफ की मुठभेड़ हुई जिसमें कुख्यात गौरी यादव मारा गया था।
वहीं अब गौरी यादव की मां रंजना देवी ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि पिछले कई सालों से मैंने अपने बेटे गौरी यादव को नहीं देखा था, लेकिन 6 साल पहले जब वो मेरे साथ रहता था तो कई पुलिस वाले घर पर आते थे। कई बड़े अधिकारियों के साथ वो खाना खाता था। फिर मेरा बेटा अपराधी कैसे हो गया? अगर वो अपराधी था तो पुलिस वाले पहले क्यों घर पर आते थे?’
रंजना देवी आगे कहा, गांव में गौरी 30 साल पहले आम लोगों की तरह अपना जीवन यापन कर रहा था। फिर ददुआ डकैत के आतंक से परेशान होकर यूपी एसटीएफ ने मेरे बेटे को अपना मुखबिर बनाया, जिसके बाद उसका डकैतों के साथ उठना बैठना शुरु हो गया। गौरी डकैतों के साथ रहकर उनकी खुफिया जानकारी पुलिस तक पहुंचने लगा। जिसके बाद उसके भी हौसले बुलंद होते गए और वह हथियार भी चलाना सीख गया, जिसके बाद वह लोगों को डराने धमकाने लगा और अपराध की दुनिया में उतर गया।