
डिजिटल डेस्क: लखनऊ: उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव को लेकर सरगर्मियां जोरों पर है. ऐसे में नगर निगम ने कुछ दिनों पहले नगर निगम ने आरक्षण सूची जारी की थी. जिसे लेकर इलाहबाद हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी. याचिका में आरक्षण नियमों को लेकर सवाल उठाये गए थे जिसपर कोर्ट को सुनवाई आज हुई. कोर्ट में जोरदार बहस के भी हुई लेकिन आज कोई फैसला नही आया. अब कल भी इसपर बहस होगी जिसके बाद देर शाम तक फैसला आ सकता है.
आज की सुनवाई पर सभी की निगाहें थी. शहर की सरकारों की समयावधि 14 से 19 दिसंबर के बीच समाप्त हो रही है. ऐसे में चुनाव इश चुनाव को लेकर पहले सीटों को आरक्षित करने को लेकर आरक्षण सूची जारी की गई थी. जिसको लेकर कुछ लोगों ने ओबीसी आरक्षण को लेकर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. अब इस मामले को लेकर कोर्ट में सुनवाई चल रही है. आज सुनवाई की तारीख थी और इस मामले पर बहस हुईं.
यूपी निकाय चुनाव को लेकर जारी आरक्षण के मामले में हाईकोर्ट बेंच में 21 दिसंबर को फिर सुनवाई होगी. हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच कल फिर सुनवाई होगी. इस मामले को लेकर जज ने कहा कि ठीक से नहीं दायर की गई पीआईएल. कोर्ट का कहना है कि ठीक से नहीं दायर की गई पीआईएल और इसपर कोर्ट ने आपत्ति जताई है.
गौरतलब है कि अभी कुछ ही दिनों पहले इलाहबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने कहा था कि जब तक जनहित याचिका पर सुनवाई नहीं हो जाती तब तक चुनाव की तारीखों का ऐलान ना किया जाए. इसी मामले में हाईकोर्ट में पहले सुनवाई भी हो चुकी है. आज फिल इस मामले पर सुनवाई हुई.
पहली सुनवाई के दौरान सरकार ने कहा था कि साल 2017 के आरक्षण के सर्वे को आधार माना जाए. हलफनामे में राज्य सरकार कहा कि इसी सर्वे को ट्रिपल टेस्ट माना जाए. इसी दलील के आधार पर तब सरकार ने ये कहा था कि ट्रांसजेंडर्स को आरक्षण नहीं दिया जा सकता. बहरहाल, मंगलवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है. आज पक्षकार सरकार के हलफनामे का जवाब कोर्ट में दाखिल करेंगे.