
‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में रक्षा क्षेत्र में बड़ा बदलाव, एक सैन्य ऑपरेशन ने बदली रणनीतिक सोच
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल का एक साल पूरा होते ही भारत की रक्षा नीति में बड़ा बदलाव साफ दिखाई दे रहा है। अब भारत सिर्फ खतरे के जवाब में कार्रवाई करने वाला देश नहीं रहा, बल्कि पहले वार करने की रणनीति पर भी मजबूती से आगे बढ़ रहा है।
मोदी सरकार के ‘आत्मनिर्भर भारत’ मिशन के तहत रक्षा क्षेत्र में किए गए सुधारों और मेक इन इंडिया की सफल पहल ने भारतीय सेना को तकनीकी रूप से सशक्त और आत्मनिर्भर बनाया है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण हाल ही में चला ‘ऑपरेशन सिंदूर’ है, जिसने न केवल दुश्मनों को चौंकाया बल्कि क्षेत्रीय शक्ति संतुलन को भी भारत के पक्ष में मोड़ दिया।
इस ऑपरेशन में स्वदेशी हथियारों, ड्रोन, रडार सिस्टम, और संचार उपकरणों की बड़ी भूमिका रही। भारत अब न सिर्फ अपने लिए आधुनिक हथियार बना रहा है, बल्कि 23,000 करोड़ रुपये के रक्षा निर्यात के साथ दुनिया के सामने एक हथियार आपूर्तिकर्ता के रूप में भी उभर रहा है।
📌 हाइलाइट्स:
- ऑपरेशन सिंदूर में स्वदेशी मिसाइल, ड्रोन और इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम का हुआ इस्तेमाल
- FY25 में भारत का रक्षा निर्यात 23,622 करोड़ रुपये तक पहुंचा – 2014 के मुकाबले 34 गुना बढ़ोतरी
- राफेल फाइटर जेट का फ्यूजलेज अब भारत में Tata Advanced Systems द्वारा होगा निर्माण
- तेजस, अर्जुन टैंक और ब्रह्मोस जैसे प्रोजेक्ट्स आत्मनिर्भरता का उदाहरण बने
- इटली, फ्रांस, अमेरिका जैसी कंपनियों ने भारत में निवेश को लेकर दिखाई दिलचस्पी









