
दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने शुक्रवार को दिल्ली विधानसभा में आंदोलनरत किसानों को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि किसानों ने लम्बे संघर्ष के बाद सरकार के अहंकार को तोड़ दिया। उन्होंने कहा कि तीन कृषि कानूनों को लेकर किसान संगठनों से जुड़े तमाम किसानों ने किसी भी प्रतिकूल परिस्थिति के सामने हार नहीं मानी। वो ‘कोरोना, डेंगू, गर्मी, ठंड और किसी भी प्रतिकूल मौसम और परिस्थिति में दांते रहे और अंततः सरकार को कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला करना पड़ा।
उन्होंने कहा कि एक साल पूरा करने वाले इस आंदोलन में किसानों ने बहुत मुश्किल झेली। ‘किसानों को गालियां दी गई। उन्हें आतंकी तक कहा गया।‘ उनके साथ हिंसा कि गयी लेकिन किसान शांत रहे और अपने ऐतिहासिक आंदोलन को जारी रखा। दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार के नेतृत्वकर्ता सीएम केजरीवाल ने आगे कहा कि सत्तापक्ष ने किसानों के साथ साजिशें की और लखीमपुर में किसानों को गाड़ी से कुचल दिया गया फिर भी किसान शांत रहे।
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— भारत समाचार (@bstvlive) November 26, 2021
➡सीएम केजरीवाल का विधानसभा में बयान
➡आंदोलन में किसानों ने बहुत मुश्किल झेली
➡कोरोना, डेंगू, गर्मी, ठंड में भी किसान डटे रहे
➡आखिर में किसानों की ही जीत हुई-केजरीवाल
➡किसानों को गालियां दी गई और कुचला गया।@ArvindKejriwal pic.twitter.com/vkbHkPN9UO
विधानसभा सत्र में बोलते हुए अरविन्द केजरीवाल ने किसान आंदोलन के एक वर्ष पूरा होने पर बोलते हुए कहा कि तमाम यातनाओं और परेशानियों के बावजूद भी किसान अपने प्रण पर अडिग रहे और अंततः जीत किसानों कीही हुई। उन्होंने कहा की किसानों की यह जीत भारत और उसके जनतंत्र की जीत है। किसान आंदोलन के इस जीत से भारत का लोकतंत्र विजयी हुआ है।