
दिल्ली की केजरीवाल सरकार का शिक्षा मॉडल अन्य राज्यों के लिए एक उदाहरण है. दूसरे राजनैतिक दलों की तरह आम आदमी पार्टी केवल चुनाव जीतने के लिए सियासी वायदे नहीं करती है. आम अपने वायदों को पूरा करने में भरोसा रखती है और लोकहित में अपनी नीतियों को कामों को एक सार्थक स्वरुप प्रदान करती है.
दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था एक मील का पत्थर है. आज जब सबसे ज्यादा बच्चे देश की मेडिकल की प्रतिष्ठित परीक्षा नीट में चयनित होते हैं तो उसमें ज्यादातार तादाद दिल्ली के सरकारी स्कूलों की बच्चों होती है. यह दर्शाता है कि आम आदमी पार्टी का दिल्ली में शिक्षा की गुणवत्ता स्तर को बढ़ाने का मकसद पूरा हुआ.
दिल्ली सरकार की शिक्षा व्यवस्था के बारे में खुद सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों ने ही उत्तम बताया है. ये वो छात्र है जिन्होंने इस वर्ष नीट, जेईई मेंस और जेईई एडवांस की परीक्षा पास की हैं. छात्रों का साफ मानना है कि यदि केजरीवाल सर फ्री जेईई कोचिंग की और बेहतर शिक्षा व्यवस्था ना उपलब्ध करवाते तो उनके लिए ये नामुंकिन था.
बता दें दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले 1391 बच्चों ने नीट,730 ने जेईई मेंस और 106 बच्चों ने जेईई एडवांस पास किया है. छात्रों का ये भी मानना है कि दिल्ली के स्कूलों में सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं. विज्ञान और गणित की पढ़ाई के लिए प्रयोगशालाओं की व्यवस्था छात्रों को बौद्धिक स्तर को और उज्जवल करते हैं.
इसके अलावा विद्यालयों में तकनिकी का इस्तेमाल छात्रों को विषयों की हर बारीकी को बेहतरीन तरीके से समझने में मदद करता है. शायद यह दिल्ली के विद्यालयों की शिक्षा व्यवस्था की गुणवत्ता ही है जिसका परिणाम नीट और जईई जैसी देश की प्रतिष्ठित परीक्षाओं में तब देखने को मिलता है, जब दिल्ली सरकार के विद्यालयों के छात्र अपना उत्कृष्ट प्रदर्शन देते हैं. बहरहाल छात्रों ने इसके लिए सीएम केजरीवाल का आभार जताया है.









