दिल्ली हाई कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन की जमानत नामंजूर की, कहा- वह प्रभावशाली व्यक्ति हैं सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं!

दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को आम आदमी पार्टी के नेता सत्येंद्र जैन को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत देने से इनकार कर दिया. न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा ने सह-आरोपी वैभव जैन और अंकुश जैन को भी जमानत देने से इनकार कर दिया.

नई दिल्ली- दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को आम आदमी पार्टी के नेता सत्येंद्र जैन को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत देने से इनकार कर दिया. न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा ने सह-आरोपी वैभव जैन और अंकुश जैन को भी जमानत देने से इनकार कर दिया. उच्च न्यायालय ने आम आदमी पार्टी (आप) नेता की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि वह एक प्रभावशाली व्यक्ति हैं और सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं. उच्च न्यायालय ने यह भी कहा कि आप नेता को जमानत देने से इनकार करने के निचली अदालत के पिछले साल के आदेश में कोई अवैधता या दुर्बलता नहीं थी.

सत्येंद्र जैन को पिछले साल 30 मई को गिरफ्तार किया गया था, पर कथित रूप से उनसे जुड़ी 4 कंपनियों के माध्यम से धन शोधन करने का आरोप है. निचली अदालत द्वारा पिछले साल नवंबर में जमानत याचिका खारिज किए जाने के बाद उन्होंने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था.

सत्येंद्र जैन ने पहले कहा था कि उन्होंने जांच में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के साथ सहयोग किया था. दिल्ली के पूर्व मंत्री ने यह भी कहा कि ट्रायल कोर्ट के जज और ईडी ने पूरी तरह से आवास प्रविष्टियों के आधार पर अपराध की आय की पहचान करके पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम) को गलत तरीके से पढ़ा और गलत तरीके से लागू किया है. उन्होंने उच्च न्यायालय में अपनी याचिका में कहा था कि आवास प्रविष्टियां पीएमएलए के तहत दंडनीय अपराध का कारण नहीं बन सकती हैं.

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