दिल्ली : पेगासस जासूसी मामले में जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने कमेटी बनाई

पेगासस जासूसी मामले में सुप्रीम कोर्ट से केंद्र सरकार को बड़ा झटका लगा। सुप्रीम कोर्ट ने पेगासस जासूसी मामले में तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया। मुख्य न्यायधीश एन वी रमनाने फैसला सुनाते हुए कहा कि हमने लोगो को उनके मौलिक अधिकारों के हनन से बचने से कभी परहेज़ नहीं किया। अदालत विशेष समिति का गठन कर रही है ताकि सच सामने आए।

मुख्य न्यायधीश एन वी रमना ने फैसला देते हुए कहा कि आरोपों में तकनीक के दुरूपयोग को लेकर अदालत इस मामले में सभी मूल अधिकारों का संरक्षण करेगी। मुख्य न्यायधीश ने कहा कि आरोपों में तकनीक के दुरूपयोग को लेकर अदालत इस मामले में सभी मूल अधिकारों का संरक्षण करेगी। जिन लोगों के अधिकार में हनन हुआ है और निजता के अधिकार का उल्लंघन हुआ है। उसका ध्यान रखते हुए अदालत का मानना है कि तकनीक सुविधा के साथ नुकसान का साधन बन सकती है जिससे निजता का उल्लंघन हो सकता है और अन्य मूल अधिकार प्रभावित हो सकते हैं। ऐसे में जीवन और स्वतंत्रता के मद्देनजर ऩिजता के अधिकार का ध्यान रखने के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा को भी ध्यान में रखेगी।

मुख्य न्यायधीश एन वी रमना ने फैसला सुनाते हुए कहा केंद्र सरकार के एक्सपर्ट कमिटी को जांच नही दिया जा सकता। न्याय होते हुए दिखना भी चाहिए। कोर्ट मूक दर्शक नही बन सकता। मुख्य न्यायधीश एन वी रमना ने कहा नेशनल सिक्योरिटी के लिए सर्वेलेंस जरूरी है, आतंकवाद के खिलाफ लेकिन उसमे नियम का पालन होना चाहिए। मुख्य न्यायधीश एन वी रमना ने कहा हम कभी राजनीति में शामिल नहीं होना चाहते। साथ ही आम लोगों के अधिकार की रक्षा करते है। निजीता का अधिकार बहुत अहम है। पेगासस स्पाइवेयर मामले में CJI ने CJI जॉर्ज ऑरवेल के एक उद्धरण को पढ़कर आदेश सुनाना शुरू किया. उन्होंने कहा, “अगर आप एक रहस्य रखना चाहते हैं, तो आपको इसे अपने आप से भी छिपाना होगा।”

चीफ जस्टिस एनवी रमना ने कहा कि अभिव्यक्ति कि स्वतंत्रता और प्रेस कि स्वतंत्रता लोकतंत्र में अहम है। मुख्य न्यायधीश ने कहा कि आरोप लगाने वाली याचिकाओं से अदालत सहमत नही है। सरकार की ओर से कहा गया कि ये याचिकाएं अखबारों में छपी खबरों पर आधारित है और मामले में हस्तक्षेप नहीं करने कि गुजारिश की गई। कोर्ट की तरफ से कई बार जवाब मांगे जाने के बाद भी व्यापक हलफनामा सरकार ने नहीं दाखिल किया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया मामले को ध्यान में रखते हुए अदालत आरोपों कों परखने के लिए कदम उठाएगी। अदालत विशेष समिति का गठन कर रही है ताकि सच सामने आए।

पेगासस जासूसी मामले में सुप्रीम कोर्ट की कमिटी की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज करेंगे। एक्सपर्ट कमिटी में प्रोफेसर नवीन कुमार चौधरी (डीन, नेशनल फोरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी, गांधीनगर , गुजरात), प्रोफेसर प्रभाकरन पी. ( स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग, अमृत विश्व विद्यापीठम, केरल), डॉ अश्विन अनिल गुमस्ते (एसोसिएट प्रोफेसर, IIT बॉम्बे) होंगे। पेगासस जासूसी की जांच के लिए गठित तकनीकी समिति की निगरानी रिटायर्ड सुप्रीम कोर्ट जज जस्टिस आर वी रवींद्रन, पूर्व IPS आलोक जोशी, तकनीकी जानकार संदीप ओबराय करेंगे।

स्टोरी- अवैश उस्मानी

Related Articles

Back to top button