ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में मिले शिवलिंग की दर्शन पूजन की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट जल्द सुनवाई के लिए तैयार हो गया है। याचिकाकर्ता की तरफ से वकील विष्णु शंकर जैन ने सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश एन वी रमना की पीठ के सामने मामले में जल्द सुनवाई की मांग करते हुए कहा कि ज्ञानवापी मामले में अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी की याचिका पर 21 जुलाई को सुनवाई होनी है, ऐसे में हमारी याचिका को भी सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाए। सुप्रीम कोर्ट मामले में 21 जुलाई को याचिका दाखिल करेगा। याचिका में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में मिले शिवलिंग की कार्बन डेटिंग की भी मांग किया है।
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में 16 मई को एडवोकेट कमिश्नर के सर्वे के दौरान मिले शिवलिंग की ओजा और दर्शन की इजाज़त मांगी है। साथ ही शिवलिंग की आयु निर्धारण के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण से कार्बन डेटिंग कराने की मांग की गई। याचिका में मांग की गई कि शिवलिंग मिलने वाली जगह का ASI रडार तकनीकी यानी ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार सिस्टम से सर्वेक्षण कर रिपोर्ट तैयार करे ताकि यह पता चल सके कि वहां का वास्तविक स्वरूप कैसा था। याचिका में केंद्र सरकार को निर्देश देने की मांग किया कि काशी विश्वनाथ मंदिर की वेबसाइट में ज्ञानवापी में मिले शिवलिंग की लाइव सर्टिमिंग की व्यवस्था की जाए। सुप्रीम कोर्ट में वाराणसी की लक्ष्मी देवी, सीता साहू, मंजू व्यास, रेखा पाठक, मथुरा की असिस्टेंट प्रोफेसर प्रियंका गोस्वामी, गौतम बुद्ध नगर की पारुल खन्ना और दिल्ली की अमिता सचदेवा ने याचिका दाखिल किया है।
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा गया कि आभी सावन का पवित्र महीना चल रहा है और ज्ञानवापी मस्जिद स्तिथ शिवलिंग की पूजा करना उनका मौलिक अधिकार है। याचिका में भारत क्व संविधान के अनुच्छेद 25 में वर्णित अंतरात्मा की स्वतंत्रता और धर्म के स्वतंत्र अभ्यास और प्रचार की स्वतंत्रता के तहत हिंदुओं को अपने अधिकार का प्रयोग करने की अनुमति दी जा सकती है।