
इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने शुक्रवार को एक आयकर उपायुक्त को अदालत की अवमानना मामले में दोषी ठहराते हुए जेल की सजा सुनाई है। हाईकोर्ट ने इनकम टैक्स विभाग के डिप्टी कमिश्नर को जेल भेजने का आदेश दिया है। डिप्टी कमिश्नर कोर्ट के आदेश के बाद भी करदाता का उत्पीड़न कर रहे थे। याची का कहना था कि उसे लखनऊ में इनकम टैक्ट विभाग ने साल 2011-12 के लिए करीब 52 लाख रुपये का मूल्यांकन नोटिस भेज दिया था, जबकि उन्होंने अपना आयकर दिल्ली से भरा था। जिस पर कोर्ट ने डिप्टी कमिश्नर हरीश गिडवानी को जेल और जुर्माना का आदेश सुनाया है।
डिप्टी कमिश्नर लखनऊ रेंज टू हरीश गिडवानी करदाता का उत्पीड़न करने के जुर्म में को सजा हुई है। इनकम टैक्स की कार्यप्रणाली पर HC ने गंभीर टिप्पणी की है। हाईकोर्ट ने 23 पेज के आदेश में इनकम टैक्स की कार्यप्रणाली का भेद खुला और डिप्टी कमिश्नर को कन्टेम्प्ट का दोषी माना और 7 दिन की जेल और 25 हजार का जुर्माना सुनाया है।
प्रशांत चंद्रा की ओर से दाखिल एक अवमानना याचिका पर फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने हरीश गिडवानी को 22 दिसंबर को उच्च न्यायालय के वरिष्ठ रजिस्ट्रार के सामने आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया जहां से उनको सजा काटने के लिए जेल भेजा जाएगा। आदेश पारित करते हुए न्यायमूर्ति इरशाद अली की पीठ ने कहा, “सिर्फ जुर्माने से न्याय का उद्देश्य पूरा नहीं होगा क्योंकि गिडवानी आयकर उपायुक्त रेंज-2, लखनऊ एक वरिष्ठ अधिकारी हैं, जो आकलन के संरक्षक हैं आवेदक और एक घोर निंदनीय कार्य किया है। यदि उसे दंडित नहीं किया जाता है, तो यह आयकर विभाग के अन्य अधिकारियों को एक गलत संदेश भेजेगा कि इस तरह के अव्यवसायिक आचरण के लिए भी केवल चेतावनी या जुर्माना ही दिया जाता है।