
नई दिल्ली : पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय ने देशभर में डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र (डीएलसी) अभियान 4.0 की शुरुआत की है। यह अभियान 1 नवंबर से 30 नवंबर 2025 तक चलेगा और इसका उद्देश्य पेंशनभोगियों को डिजिटल रूप से सशक्त बनाना है, जो डिजिटल इंडिया के दृष्टिकोण से एक महत्वपूर्ण कदम है।
इस अभियान का मुख्य उद्देश्य देशभर के 2,000 से अधिक शहरों और कस्बों में रहने वाले दो करोड़ पेंशनभोगियों तक संतृप्ति-आधारित पहुँच सुनिश्चित करना है। खास बात यह है कि इस वर्ष अभियान में आधार-आधारित फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक को प्रमुखता दी जा रही है, जिससे पेंशनभोगी अब बिना किसी बायोमेट्रिक उपकरण के, केवल अपने स्मार्टफोन के माध्यम से घर बैठे जीवन प्रमाणपत्र जमा कर सकेंगे।
अति-वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांग पेंशनभोगियों के लिए इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक की डोरस्टेप सेवा को और भी सुदृढ़ किया गया है, ताकि वे अपने घर पर ही आसानी से जीवन प्रमाणपत्र जमा कर सकें।
माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने अपने मन की बात कार्यक्रम (24 नवंबर, 2024) और संविधान दिवस संबोधन (26 नवंबर, 2024) में इस पहल की सराहना की थी, और इसे वरिष्ठ नागरिकों की पेंशन प्रक्रिया को सरल और सुगम बनाने की दिशा में एक अहम कदम बताया था।
इस अभियान के दौरान, पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग के निदेशक श्री अमित शर्मा 19 और 20 नवंबर 2025 को मुरादाबाद और बरेली का दौरा करेंगे। अपने दौरे में वे पेंशनभोगियों से संवाद करेंगे, फेस ऑथेंटिकेशन के माध्यम से जीवन प्रमाणपत्र जमा करने की प्रक्रिया का निरीक्षण करेंगे और डोरस्टेप सेवा के कार्यान्वयन को देखेंगे।
साथ ही, वे बैंकों, इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक, केनरा बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, UIDAI, NIC और स्थानीय पेंशनभोगी कल्याण संगठनों के साथ समन्वय की समीक्षा भी करेंगे, ताकि अभियान का प्रभावी संचालन सुनिश्चित हो सके।
पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग निरंतर पेंशनभोगियों को सरल, सुविधाजनक और डिजिटल सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि तकनीक-संचालित पहलों के माध्यम से उनके जीवन में सुगमता और सुधार हो सके।









