Digital Story: सुल्तानपुर एनकाउंटर पर UP में सियासी जंग.. अखिलेश को मिला रावण का साथ

यूपी की योगी सरकार पर जातिवाद का आरोप लगाते हुए डकैती में शामिल अन्य बदमाशों को लेकर योगी सरकार पर तंज कसा था. और कहा था कि डकैती में शामिल....

Digital Story: उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में गुरुवार की सुबह एक लाख के ईनामी बदमाश को एसटीएफ ने एनकाउंटर में ढेर कर दिया। अभी इस मामले को एक दिन भी नहीं बीता था कि सूबे में विपक्षी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने सियासत शुरू कर दी। अखिलेश यादव ने मारे गए बदमाश की जाति को लेकर यूपी की योगी सरकार पर जातिवाद का आरोप लगाते हुए डकैती में शामिल अन्य बदमाशों को लेकर योगी सरकार पर तंज कसा था. और कहा था कि डकैती में शामिल लोगों का सत्ता पक्ष से गहरा संबंध था तभी दिखावटी एनकाउंटर में सिर्फ जाति को देखकर जान ली गई। तो वहीं अब इस मामले पर अखिलेश यादव को चन्द्रशेखर आजाद रावण का भी साथ मिल गया हैं.. एक तरफ जहां सत्ता पक्ष अखिलेश यादव के इस बयान को निराधार बता रही हैं तो वही दूसरी तरफ अखिलेश यादव को भीम आर्मी प्रमुख चन्द्रशेखर आजाद रावण का साथ मिलना अपने आप में एक बड़ी बात मानी जा रही हैं…

अखिलेश और चन्द्रशेखर आजाद रावण आए साथ

भीम आर्मी प्रमुख चन्द्रशेखर आजाद रावण ने अखिलेश का साथ देते हुए एक्स पर लिखा कि, सुल्तानपुर में “सर्राफा कारोबारी डकैती” के मामले में आरोपी जौनपुर निवासी मंगेश यादव के एनकाउंटर पर आरोपी की माँ द्वारा उठाया गया सवाल चिंता का विषय है। एनकाउंटर, शासनिक हत्या का साधन बन गया है। शासनिक हत्या भारतीय संविधान के अनुच्छेद-21 में प्राप्त “जीवन की आजादी” के मौलिक अधिकार की भी हत्या है। मैं माननीय Supreme Court से मामले को संज्ञान में लेकर उच्च स्तरीय न्यायिक जाँच कराने का निवेदन करता हूं।

‘जात’ देखकर जान ली गई

वही आपको बता दें कि इससे पहले सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सुल्तानपुर एनकाउंटर पर सवाल खड़े करते हुए योगी सरकार पर जातिवाद का आरोप लगाया था और कहा था कि, ‘लगता है सुल्तानपुर की डकैती में शामिल लोगों से सत्ता पक्ष का गहरा संपर्क था, इसीलिए तो नक़ली एनकाउंटर से पहले ‘मुख्य आरोपी’ से संपर्क साधकर सरेंडर करा दिया गया और अन्य सपक्षीय लोगों के पैरों पर सिर्फ़ दिखावटी गोली मारी गयी और ‘जात’ देखकर जान ली गयी।

जब मुख्य आरोपी ने सरेंडर कर दिया है तो लूट का सारा माल भी पूरा वापस होना चाहिए और सरकार को मुआवज़ा अलग से देना चाहिए क्योंकि ऐसी घटनाओं का जो मानसिक आघात होता है उससे उबरने में बहुत समय लगता है, जिससे व्यापार की हानि होती है, जिसकी क्षतिपूर्ति सरकार करे।

नक़ली एनकाउंटर रक्षक को भक्षक बना देते हैं। समाधान नक़ली एनकाउंटर नहीं, असली क़ानून-व्यवस्था है। भाजपा राज अपराधियों का अमृतकाल है। जब तक जनता का दबाव व आक्रोश चरम सीमा पर नहीं पहुँच जाता है, तब तक लूट में हिस्सेदारी का काम चलता रहता है और जब लगता है जनता घेर लेगी तो नक़ली एनकाउंटर का ऊपरी मरहम लगाने का दिखावा होता है। जनता सब समझती है कि कैसे कुछ लोगों को बचाया जाता है और कैसे लोगों को फँसाया जाता है। घोर निंदनीय!’

आखिर ये पूरा मामला क्या हैं….

दरअसल सुल्तानपुर में एक सर्राफा व्यापारी की दुकान पर डकैती डालने वाले मंगेश यादव का गुरुवार की सुबह एसटीएफ ने एनकाउंटर कर दिया था जिसमें एक लाख के ईनामी मंगेश यादव की गोली लगने से मौत हो गई थी। इस एनकाउंटर के दौरान उसका एक साथी भाग निकला। आपको बता दें कि बीते 28 अगस्त को सुल्तानपुर शहर के ठठेरी बाजार में भरत जी सर्राफा के यहां दिनदहाड़े करोड़ों की लूट हुई थी।

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