
नई दिल्ली- साल 2025 की पहली छमाही में घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने भारतीय शेयर बाजार में अब तक का सबसे बड़ा निवेश किया है। जनवरी से जून 2025 (H1 CY25) के बीच DIIs ने ₹3.5 लाख करोड़ से ज़्यादा की राशि शेयर बाजार में डाली है। यह अब तक की रिकॉर्ड-ब्रेकिंग फंड फ्लो मानी जा रही है।
जहां विदेशी निवेशक (FIIs) और रिटेल निवेशक थोड़े सतर्क दिखाई दिए, वहीं DIIs ने लगातार शेयर बाजार में भरोसा जताया। इस रिकॉर्ड निवेश के पीछे प्रमुख वजह रही है— भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती, निवेश के प्रति सकारात्मक नजरिया, और स्थिर नीति माहौल।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह निवेश लंबी अवधि में भारतीय इक्विटी मार्केट को मज़बूती देगा और बाज़ार में स्थिरता बनाए रखेगा।
इसके साथ ही, यह भी देखा गया कि FIIs ने जहां कुछ महीनों में मुनाफावसूली की, वहीं DIIs ने हर गिरावट में खरीदारी करके बाजार को सपोर्ट दिया।
मुख्य बातें:
- H1 CY25 में DIIs ने ₹3.5 लाख करोड़ का निवेश किया
- अब तक का सबसे ज़्यादा हाफ-ईयर निवेश
- विदेशी निवेशकों की तुलना में DIIs अधिक एक्टिव दिखे
- निवेश की बड़ी वजह: भारत की मजबूत इकोनॉमी और ग्रोथ आउटलुक
DIIs का यह ऐतिहासिक निवेश न केवल भारतीय शेयर बाजार में भरोसे की मिसाल है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि देश की आंतरिक वित्तीय ताकत अब विदेशी निवेश पर निर्भर नहीं रही। आने वाले महीनों में अगर यही रुझान बना रहा, तो भारतीय इक्विटी मार्केट नई ऊंचाइयों को छू सकता है।









