मोबाइल देखने के नुकसान: बच्चों से लेकर बड़ों तक, सभी पर पड़ रहा बुरा असर, पढ़ें पूरी ख़बर

डॉक्टरों का कहना है कि ऐसे बच्चों में स्पीच डिले यानी देर से बोलने की समस्या हो सकती है, क्योंकि वे शब्दों को सुनने और दोहराने की प्रक्रिया में हिस्सा नहीं ले पाते। इसके अलावा, बच्चों के व्यवहार पर भी असर पड़ सकता है।

आजकल छोटे बच्चों को खाना खिलाने के लिए माता-पिता मोबाइल का सहारा ले रहे हैं, ताकि उनका ध्यान भटके नहीं और वह जल्दी खाना खा लें। जो एक आम आदत बन चुका है। लेकिन, एक्सपर्ट्स के मुताबिक, यह आदत सेहत पर धीरे-धीरे बुरा असर डाल रहा है, और कई बार गंभीर परिणाम हो सकते हैं। आइए जानते हैं कि मोबाइल देखकर खाना खाने से क्या-क्या समस्याएँ हो सकती हैं।

खाना खाते समय मोबाइल देखने से बच्चों पर प्रभाव

खाना सिर्फ पेट भरने का वक्त नहीं, बल्कि बच्चों के मानसिक और सामाजिक विकास का भी अहम समय है। इस दौरान बच्चों को माता-पिता से जुड़ने, उनके चेहरे के हाव-भाव समझने और उनकी आवाज सुनने का अवसर मिलता है। लेकिन जब बच्चा खाना खाते वक्त मोबाइल स्क्रीन में उलझा रहता है, तो यह पूरी प्रक्रिया प्रभावित होती है।

बता दें डॉक्टरों का कहना है कि ऐसे बच्चों में स्पीच डिले यानी देर से बोलने की समस्या हो सकती है, क्योंकि वे शब्दों को सुनने और दोहराने की प्रक्रिया में हिस्सा नहीं ले पाते। इसके अलावा, बच्चों के व्यवहार पर भी असर पड़ सकता है। वे बिना स्क्रीन के खाना खाने में मना कर सकते हैं और चिड़चिड़े हो सकते हैं। साथ ही, उनका ध्यान किसी एक काम पर भी नहीं टिकता और उनका आत्मनिर्भर होकर खाना खाने की क्षमता धीरे-धीरे विकसित होती है।

मोबाइल के साथ खाना खाने का असर बड़ों की सेहत पर

केवल बच्चों पर ही नहीं, बड़े भी इस आदत के शिकार हो रहे हैं। एक्सपर्ट्स के अनुसार, खाना खाते वक्त मोबाइल देखना ध्यान भटकाने का कारण बनता है और व्यक्ति बिना सोचे-समझे ज्यादा कैलोरी ले सकता है। इससे वजन बढ़ने का खतरा बढ़ता है, क्योंकि व्यक्ति अपने पोर्शन साइज और पेट भरने के संकेतों पर ध्यान नहीं देता। लंबे समय में यह मेटाबोलिक समस्याओं को भी जन्म दे सकता है।

मोबाइल देखने से क्या बढ़ता है इन्सुलिन रेजिस्टेंस का खतरा?

कई विशेषज्ञ यह भी मानते हैं कि खाना खाते वक्त मोबाइल का इस्तेमाल इन्सुलिन रेजिस्टेंस (insulin resistance) का कारण बन सकता है। हालांकि इस पर अभी तक कोई ठोस स्टडी नहीं है, लेकिन ध्यान भटकने के कारण ज्यादा खाना खाने, प्रोसेस्ड फूड का चुनाव करने और ब्लड शुगर में स्पाइक्स जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, जो बाद में इन्सुलिन रेजिस्टेंस का कारण बन सकती हैं। इसलिए, खाने के समय पूरी तरह से खाने पर ध्यान देना जरूरी होता है।

स्क्रीन-फ्री मील क्यों है जरूरी?

बच्चों के लिए: एक्सपर्ट्स का मानना है कि खाना खाने के वक्त बच्चों के लिए नए शब्द सीखने और माता-पिता से बातचीत करने का सबसे अच्छा मौका होता है। इस दौरान बच्चे खाने की चीजों के नाम सीखते हैं और परिवार के साथ भावनात्मक जुड़ाव महसूस करते हैं। इसलिए, इस समय स्क्रीन का इस्तेमाल न करना बहुत महत्वपूर्ण है।

बड़ों के लिए: बड़ों के लिए भी स्क्रीन-फ्री मील सेहत के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। जब व्यक्ति बिना किसी ध्यान भटकाव के खाना खाता है, तो वह स्वाद और मात्र पर ध्यान दे पाता है, जिससे ओवर ईटिंग से बचा जा सकता है। इसके अलावा, शरीर की भूख और तृप्ति के संकेतों को समझना आसान हो जाता है, जिससे ब्लड शुगर और वजन भी नियंत्रित रहते हैं।

खाना खाते वक्त मोबाइल से बचने की आदत को अपनाकर न सिर्फ बच्चों के मानसिक विकास में मदद मिलती है, बल्कि यह बड़ों के स्वास्थ्य के लिए भी बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है। यही कारण है कि स्क्रीन-फ्री मील को बढ़ावा देना और भोजन के समय पूरी तरह से अपनी जागरूकता बनाए रखना आवश्यक है।

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