उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की नजदीकियां जैसे-जैसे बढ़ रही हैं, राजनैतिक समीकरणों में भी उलटफेर देखने को मिल रही है। ताजा अपडेट यूपी कांग्रेस के खेमे से आई है जहां कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के बीच खींचतान बढ़ गई है। दरअसल, पूरा मामला तब शुरू हुआ जब चुनाव आयोग की टीम यूपी के दौरे पर चुनाव कराने या टालने की परिस्थितियों की समीक्षा करने पहुंची थी।
ऐसे में प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ओंकार नाथ सिंह की अध्यक्षता में गठित एक प्रतिनिधिमंडल अपनी कुछ मांगों के साथ चुनाव आयोग से मिलने पहुंचा था जिसके बाद पार्टी ने लेटर जारी करते हुए तलब किया कि आयोग से मिलने पहुंचा कांग्रेसी डेलिगेशन पूरी तरह से अनाधिकारिक था। इसी बात को लेकर पार्टी में अब फुट साफ दिख रही है। पुरे मामले पर डेलिगेशन की अध्यक्षता करने वाले कांग्रेसी नेता ओंकार नाथ सिंह ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि यह डेलिगेशन पूरी तरह से यूपी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू की जानकारी में चुनाव आयोग से मिलने पहुंचा था।
उन्होंने कहा कि हमने चुनाव आयोग से निष्पक्ष चुनाव कराने और अपर मुख्य गृह सचिव को हटाने की मांग को लेकर मुलाकात की थी और यह मुलाकात आधिकारिक थी जिसकी जानकारी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय लल्लू को थी, फिर भी मुझे अनाधिकारिक बताया गया। उन्होंने आगे कहा कि चुनाव आयोग से मुलाकात करने से पहले अजय कुमार लल्लू ने पूछने पर कोई जानकारी नहीं दी कि आखिर उन्हें किन मुद्दों पर चर्चा करनी है? अगर उस समय ही उन्हें रोक दिया गया होता वो इस डेलीगेशन को लीड करने से पीछे हट गए होते। फिलहाल, ओंकार नाथ सिंह ने प्रदेश कांग्रेस के सभी पदों से अपना इस्तीफा दे दिया है।
बता दें कि चुनाव आयोग से मुलाकात करने गए इस कांग्रेसी डेलीगेशन में पांच लोग शामिल थे जिसमे ओंकार नाथ सिंह बतौर अध्यक्ष और वरिष्ठ कांग्रेस नेता वीरेंद्र मदान सहित तीन अन्य कांग्रेसी शामिल थे, जिन्हे अब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू की चिट्ठी द्वारा अनाधिकारिक घोषित किया जा चूका है। खबर यह है कि प्रदेश कांग्रेस का दुसरा प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग से मिलेगा जिसमें प्रमोद तिवारी, अजय कुमार लल्लू और आराधना मिश्रा निष्पक्ष चुनाव कराने की मांग को चुनाव आयोग के सामने रखेंगे।