Diwali In Ayodhya: 25 लाख दीप..1500 संत-महंत, अयोध्या की दीपावली आखिर क्यों हैं खास…

दीपावली का मूल अयोध्या से ही जुड़ा हुआ है। जब भगवान श्रीराम ने लंका विजय के बाद अयोध्या लौटे थे, तब अयोध्यावासियों ने दीप जलाकर, पकवान बनाकर.

Diwali In Ayodhya: अयोध्या, जिसे रामनगरी के नाम से जाना जाता है, यहां की दीपावली देश के अन्य हिस्सों से बेहद खास मानी जाती है। इसका प्रमुख कारण यह है कि दीपावली का मूल अयोध्या से ही जुड़ा हुआ है। जब भगवान श्रीराम ने लंका विजय के बाद अयोध्या लौटे थे, तब अयोध्यावासियों ने दीप जलाकर, पकवान बनाकर और खुशियां मनाकर उनका स्वागत किया था। उसी ऐतिहासिक क्षण से दीपावली की परंपरा की शुरुआत हुई।

अयोध्या का दीपोत्सव खास

हालांकि दीपावली के दौरान पूजा लक्ष्मी-गणेश की होती है, लेकिन इसका मुख्य पर्व श्रीराम के लंका विजय और अयोध्या वापसी से जुड़ा हुआ है। इसीलिए जब अयोध्या में दीपोत्सव मनाया जाता है, तो यहां हर तरफ खुशियों की लहर दिखाई देती है। हर व्यक्ति उत्साह और आनंद से भरा नजर आता है।

25 लाख दीप जलाकर बनेगा विश्व रिकॉर्ड

2017 में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद से दीपोत्सव की परंपरा और भव्य रूप से शुरू की गई। इसने न केवल अयोध्यावासियों बल्कि देश-विदेश के पर्यटकों का भी ध्यान आकर्षित किया। हर साल अयोध्या दीपों की संख्या के मामले में अपने ही रिकॉर्ड को तोड़ती जा रही है। इस बार अयोध्या 25 लाख दीप जलाकर एक नया विश्व रिकॉर्ड बनाने की तैयारी में है।

1500 संत-महंत देशभर से आएंगे अयोध्या

दीपोत्सव के दौरान एक और खास आकर्षण यह होगा कि 1500 संत-महंत देशभर से अयोध्या आएंगे और आरती स्थल पर आरती करेंगे। इस आरती में वाराणसी की प्रसिद्ध गंगा आरती की झलक भी देखने को मिलेगी, जो इस आयोजन को और भी खास बनाएगी।

धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व

अयोध्या की दीपावली का यह पर्व केवल धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व नहीं रखता, बल्कि यह पूरे देश और दुनिया से श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करता है।

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