
आज के समय में ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री काफी आगे बढ़ रही है। वहीं, अपडेटेड वर्जन में कई नए तरह के फीचर्स और गाड़ियां पेश की जा रही हैं। अगर आपके पास कार है या आपको चीजों पर ध्यान देना है तो आपने गौर किया होगा कि कार के पीछे की लाइट लाल होती है, लेकिन क्या आपने कभी इसके पीछे की वजह जानने की कोशिश की है कि लाल रंग क्यों चुना गया या इसकी क्या भूमिका है। है।
अलर्ट के लिए आमतौर पर डैशबोर्ड पर एलईडी लाइट्स भी दी गई हैं। कार में कुछ लाइटें सामान्य ईयरड्रम्स के लिए होती हैं, लेकिन कई लाइट्स आपात स्थिति के लिए भी इस्तेमाल की जाती हैं। कार में लगी लाइटें अलग-अलग जरूरतों के हिसाब से होती हैं जैसे लाल, नारंगी और सफेद रंग की रोशनी। लेकिन कार के पीछे की लाइट लाल रंग की है।
पीछे लाल रंग की बत्ती का प्रयोग इसलिए किया जाता है क्योंकि पीछे से आने वाली कार सामने वाले वाहन की गति धीमी होने या रुकने का संकेत देती है। वहीं, इस सिग्नल की वजह से वाहन सतर्क हो जाते हैं और अगर उनकी गाड़ी की रफ्तार तेज है तो वह धीमी भी हो जाती है। ऐसे में कार के अंदर बैठे लोग शॉक महसूस कर रहे हैं।









