
आगरा: जाल साजों ने षडयंत्र रचकर डॉक्टर से बेटे का NEET PG में एडमिशन कराने के नाम पर 78.75 लाख रुपए और 200 ग्राम सोने की ठगी किया। यूनिवर्सिटी पहुंचने पर ठगी की जानकारी मिली तो पीड़ित ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
बता दें DCP सिटी के निर्देश के बाद ACP ने जांच किया जिसके बाद सदर थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया। डीसीपी सिटी सैयद अली अब्बास ने बताया कि पीड़ित डॉक्टर की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर ठगों की तलाश शुरू कर दी गई है। शमसाबाद मार्ग स्थित इंद्रापुरम कॉलोनी (सदर) निवासी डॉ. खालिद अली खान ने ठगी की शिकायत दी है।
पीड़ित के अनुसार उनके बेटे ने एमबीबीएस किया है और पीजी की तैयारी के साथ पिता के साथ प्रैक्टिस भी कर रहा है। नीट पीजी 2024 फॉर्म की अंतिम तिथि निकल जाने से वह तनाव में था। इसी दौरान उसके दोस्त संचित ने बताया कि उसका परिचित अनुज मलिक (निवासी सिद्धार्थ अपार्टमेंट, खंदारी) वर्तमान में रक्षा मंत्रालय, उत्तराखंड में बड़े पद पर कार्यरत है और नीट फॉर्म उपलब्ध करा सकता है।
यूनिवर्सिटी काउंसलिंग का नाटक:
संचित ने अनुज मलिक से बात कराई, जिसने 3.75 लाख रुपए में फॉर्म दिलवाने का दावा किया। 16 मई 2024 से 7 अक्टूबर 2024 के बीच यह रकम ऑनलाइन उसके खाते में भेजी गई। बाद में अनुज ने बेटे का फर्जी रिजल्ट और उत्तराखंड मेडिकल एजुकेशन यूनिवर्सिटी का नकली काउंसलिंग का फर्जी लेटर,रिजल्ट,प्रवेश पत्र भेजा और फर्जी प्रवेश तक का खेल रच दिया।
कैसे वसूले गए पैसे:
अनुज ने बताया कि देहरादून के हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में सीटें लॉक हो चुकी हैं, अब मैनेजमेंट कोटे से दाखिले के लिए डोनेशन देना होगा। 26 अक्टूबर 2024 को ग्रेटर नोएडा के क्राउन प्लाजा होटल बुलाकर उसने दो लोगों के साथ मिलकर फर्जी काउंसलिंग सेरेमनी का ड्रामा किया और 50 लाख रुपए नकद व नबील के सभी असली शैक्षणिक प्रमाणपत्र ले लिए। MBBS डॉक्टर से ठग कभी फॉर्म तो कभी फीस के नाम पर ली रकम लेते रहे।
डोनेशन बढ़ाकर 95 लाख की मांग:
अनुज ने कहा कि डोनेशन बढ़कर 95 लाख हो गया है और जनवरी तक 45 लाख रुपए और मांगे। मार्च 2025 से जून 2025 के बीच पीड़ित को फर्जी ईमेल भेजे गए, जिन्हें बाद में विश्वविद्यालयों ने अस्वीकार कर दिया। जुलाई 2025 में जब पीड़ित ने विश्वविद्यालयों से संपर्क किया तब पूरा मामला धोखाधड़ी का निकला। इसके बाद अनुज और संचित दोनों फरार हैं।









