सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता त्रिवेंद्र सिंह रावत ने रविवार को विपक्षी दाल कांग्रेस के नेता हरीश रावत से मुलाकात की। हरीश रावत और त्रिवेंद्र सिंह रावत के इस मुलाकात ने अगले साल की शुरुआत में होने वाले उत्तराखंड विधानसभा चुनाव से पहले अटकलों को हवा दे दी है। भाजपा नेता त्रिवेंद्र सिंह रावत को मार्च में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के पद से हटा दिया गया था। मुख्यमंत्री का पद गंवाने के 8 महीने बाद त्रिवेंद्र सिंह रावत कर हरीश रावत के इस मुलाकात ने राजनैतिक सरगर्मियों को बढ़ा दिया है।
दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों ने फेसबुक पर अपनी मुलाकात की तस्वीरें पोस्ट कीं और कहा कि वे एक-दूसरे का हालचाल पूछने के लिए मिले थे। कांग्रेस नेता ने लिखा, “त्रिवेंद्र सिंह रावत को उत्साही मूड में देखकर अच्छा लगा।” वहीं त्रिवेंद्र सिंह रावत ने लिखा कि दोनों लंबे अंतराल के बाद मिले। “कोविड -19 से ठीक होने के बाद उनके स्वास्थ्य में सुधार हुआ है। जब उनसे उनके स्वास्थ्य के बारे में पूछा गया तो उन्होंने अपने अंदाज में जवाब दिया- ‘मैं स्वस्थ हूं’।
गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान के एक वरिष्ठ प्रोफेसर ने त्रिवेंद्र सिंह रावत के कांग्रेस में शामिल होने की संभावना से इनकार किया। उन्होंने इस मुलाकात को मात्र एक राजनैतिक दबाव बनाने की रणनीति बताया। उन्होंने आगे कहा, ‘यह स्पष्ट है कि उन्हें पार्टी में पर्याप्त महत्व नहीं दिया जा रहा है। इसलिए हरीश रावत से मुलाकात करके और फिर अपने फेसबुक पर तस्वीरें साझा करके, वह एक तरह से यह संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं कि अगर वे ऐसा मानते हैं और उनके पास विकल्प हैं तो वह कमजोर नहीं हैं।”
इस मुलाकात के बारे में भाजपा के तरफ से अब तक कोई प्रतिक्रया नहीं आई है। हालांकि हरीश रावत ने अटकलों को कम करने की कोशिश की। “यह एक बहुत ही अनौपचारिक बैठक थी। मैं रविवार शाम देहरादून के एक फिजियोथेरेपी सेंटर का दौरा कर रहा था, जहां त्रिवेंद्र मुझसे मिलने आए क्योंकि वह पास के इलाके में रहता है। हमने एक स्वस्थ अनौपचारिक बातचीत की जिसमें हमने एक-दूसरे के स्वास्थ्य और कुशलक्षेम के बारे में पूछा। प्रतिद्वंदी पार्टियों से होने के बावजूद हमें आपसी सम्मान नहीं खोना चाहिए।