शक: दुबई में बैठे ‘लुटेरे’ ने लिखी संभल हिंसा की पटकथा, फंडिग कनैक्शन

संभल हिंसा के उपद्रवी अदनान को दो दिन पहले दिल्ली के बाटला हाउस से गिरफ्तार किया गया. अदनान से हासिल जानकारियों के तार सउदी अरब से जुड़ रहे है. पुलिस को आशंका है कि दुबई में बैठे लुटेरे शारिक साठा ने संभल हिंसा की पटकथा लिखी थी और हिंसा के लिए हवाला के जरिये फन्डिंग की गयी थी. शारिक साठा देश के आधा दर्जन राज्यों में वाहनों की चोरी और लूट का मास्टरमाइंड रहा है.

पुलिस के अनुसार गिरफ्तार किये गये अदनान के पास ऐसे बहुत सारे सबूत और इलैक्ट्रॉनिक एविडेंस मौजूद मिले है जो उसका कनैक्शन देश के बाहर से साबित करते है. इन्हीं सबूतों में अदनान का एक कनैक्शन दुबई में रह रहे शारिक साठा से मिला है. शारिक साठा संभल के दीपा सराय का मूल निवासी है और कई बरसों से दुबई में रह रहा है.

शारिक साठा के बारे में पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक फर्जी पासपोर्ट के जरिये वह विदेश भाग गया था. देश में उसकी आखिरी लोकेशन दिल्ली एयरपोर्ट थी. शारिक ने दुबई में अपना नेटवर्क बना रखा है और भारत में अपने स्लीपर सेल से उसका निरंतर कनैक्शन बना रहता है. संभल हिंसा के दौरान जिन कारतूसों का इस्तैमाल किया गया वो पाकिस्तान और अमेरिका के बने हुए थे.

कौन है संभल का कुख्यात लुटेरा शारिक साठा-
पुलिस को शक है कि शारिक साठा आईएसआई के हाथों में खेल रहा है और दुबई में बैठकर भारत विरोधी गतिविधियों को अंजाम दे रहा है. अदालत के आदेश पर शाही मजिस्द के कमिश्नर सर्वे के दौरान जिस तरीके से हिंसा भड़की, वह एक सुनियोजित साजिश थी. इस साजिश का सूत्रधार शारिक साठा हो सकता है, पुलिस को ऐसा शक है.

शारिक साठा भारत के कई राज्यों का एक्टिव क्रिमिनल रहा है. दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, उत्तराखंड और उत्तरप्रदेश में अपने गैंग के जरिये वह वाहनों की लूट और चोरी की वारदातें अंजाम दिया करता था. जरायम की दुनियां से साठा ने अकूत सम्पत्ति कमाई है.

यूपी में पुलिस का दबाब बढ़ने के बाद उसने फर्जी पासपोर्ट बनवाया और आहिस्ते से दुबई भाग गया. संभल पुलिस के पास मौजूद क्राइम हिस्ट्री में शारिक साठा के खिलाफ 54 केस मिले है.

संभल पुलिस के अफसरों के मुताबिक शारिक साठा का आपराधिक इतिहास काफी लंबा है. उसके खिलाफ करीब 100 से अधिक मुकदमें होने का अनुमान है. पुलिस कई टीमें उसके आपराधिक इतिहास को यूपी समेत कई राज्यों में खंगाल रही है. उसकी कुंडली में यह भी देखा जा रहा है कि उसके कनैक्शन में अभी कितने स्लीपर सेल यूपी और आसपास के इलाके में एक्टिव है.

पुलिस ने यह भी बताया है कि शारिक साठा के खिलाफ जो पुख्ता सबूत अब तक पुलिस को मौजूद है, उन्हें केन्द्रीय सुरक्षा ऐजेंसियों से साझा किया जा रहा है. केन्द्रीय सुरक्षा ऐजेंसियों की जांच में शारिक साठा का नेटवर्क उजागर हो सकेगा. साथ ही संभल समेत देश के अन्य स्थानों पर उसके कनैक्शनन्स के कारनामें भी उजागर होगें.

संभल हिंसा के उपद्रवियों से मिला साठा कनैक्शन-
संभल में 24 नवम्बर को हुई हिंसा के दौरान 5 लोगों की मौत हुई थी. इस हिंसा में अनेक वाहनों को आग के हवाले करके स्वाहा कर दिया गया. पुलिस के कई अधिकारियों समेत दर्जनों पुलिसवाले इस हिंसा में घायल हुए थे और सरकार सम्पत्तियों को भी नुकसान पहुंचाया गया था. संभल पुलिस ने वीडियो और सीसीटीवी फुटेड से दंगाइयों की तस्वीरें हासिल की और उनकी पहचान कराई है.

पहचान कराये गये उपद्रवियों में से 50 को संभल पुलिस ने अभी तक गिरफ्तार किया है. ये उपद्रवी संभल के अलावा दिल्ली एनसीआर और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में छुपे हुए मिले है. उपद्रवियों के खिलाफ पुलिस राष्ट्रीय सुरक्षा कानून जैसे गंभीर एक्ट के अन्तर्गत कार्रवाई भी करेगी.

क्या है संभल हिंसा के पीछे की वजह-
19 नवम्बर को संभल की अदालत में एक याचिका दायर की गयी थी. इस याचिका में दावा किया गया था कि शहर में मौजूद सदियों पुरानी शाही जामा मस्जिद प्राचीन श्री हरिहर मंदिर को तोड़कर बनाई गयी है. कोर्ट ने याचिका पर शाही जामा मस्जिद के कमिश्नर सर्वे के आदेश दिये थे. पुलिस-प्रशासन ने अदालत के आदेश के बाद 19 नवम्बर को ही पहला कमिश्नर सर्वे कड़ी सुरक्षा के बीच करवाया था.

रात हो जाने की वजह से 19 नवम्बर को कमिश्नर सर्वे का काम पूरा नही हो सका. 24 नवम्बर को सुबह साढ़े सात बजे कमिश्नर सर्वे और दोनो पक्षकारों के साथ पुलिस प्रशासन के अफसर शाही जामा मस्जिद में पहुंचे थे. साढ़े 10 बजे तक कमिश्नर सर्वे का काम चला. इस दौरान शाही जामा मस्जिद के आसपास हजारों मुस्लिम इकठ्ठा हो गये. कमिश्नर सर्वे टीम को पुलिस ने वहां से जब सकुशल निकाल दिया तभी हिंसा शुरू हो गयी.

सुप्रीमकोर्ट ने रोके निचली अदालत के एक्शन-
मामला सुप्रीमकोर्ट में गया. मुस्लिम पक्षकार की याचिका पर सुप्रीमकोर्ट ने हाईकोर्ट में सुनवाई के बगैर निचली अदालत की सुनवाई प्रक्रिया और आदेश स्टे कर दिये. इसके बाद भी कोर्ट कमिश्नर दो तारीखों में सर्वे की रिपोर्ट दाखिल नही कर सके है. संभल में इस दौरान बंद पड़े मंदिर और कूपों की सफाई, खुदाई और पूजा-अर्चना का दौर शुरू हो चुका है.

रानी प्रीतकुंवरि की 150 साल पुरानी बावड़ी बाहर आयी-
चंदौसी के लक्ष्मणगंज में मिली बावड़ी डेढ़ सौ साल पुरानी बताई जा रही है. एक कालोनी के बीच इस बावड़ी को मिट्टी से पाट दिया गया था. इस बावड़ी का एक हिस्सा अब साफ दिखाई देने लगा है. बावड़ी के दूसरे छोर कई कोठियों के नीचे दबे हुए है. जिला प्रशासन के निर्देश पर नगर पालिका इस बावड़ी की खुदाई करा रही है. बताया जाता है कि सहसपुर बिलारी रियासत की रानी प्रीतकुंवरि ने इस बावड़ी का निर्माण कराया था. इस बावड़ी में राजपरिवार सैर करने आया करता था.

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