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प्रयागराज- दहेज हत्या से संबंधित मामलों को लेकर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को निर्देश दिया है.उत्तरप्रदेश के DGP को निर्देश देते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि दहेज़ हत्या के मामलों की प्रत्येक कोण से जांच हो और यह स्पष्ट किया जाए कि मृत्यु हत्या थी, या दहेज़ हत्या थी, या उकसावे के कारण आत्महत्या थी.
साथ ही ये भी कि जांच अधिकारियों को दहेज हत्या से संबंधित मामलों में “व्यापक जांच” करने और विवाहित महिला की मृत्यु (उसकी शादी के 7 साल के भीतर) की हर संभव कोण से जांच करने के निर्देश दें. मामले का जांच अधिकारी व्यापक स्तर पर जांच करेगा और जांच के दौरान सामग्री एकत्र करेगा ताकि धारा 173(2) सीआरपीसी के तहत अपनी रिपोर्ट को उचित ठहरा सके कि क्या महिला की ऐसी अप्राकृतिक मृत्यु धारा 302 आईपीसी के दायरे में आती है
यह साफ तौर पर दहेज मृत्यु है जो धारा 304बी आईपीसी के तहत दंडनीय है या फिर ये आत्महत्या का मामला है जो धारा 306 आईपीसी के तहत दंडनीय है जहां महिला की मृत्यु उसके पति या ससुराल वालों द्वारा किसी तरह के उकसावे के कारण हुई है.
अदालत ने स्पष्ट किया कि मामले के जांच अधिकारियों को आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ जांच के दौरान उनके द्वारा एकत्र की गई सामग्री के बारे में धारा 173 (2) सीआरपीसी के तहत अपनी रिपोर्ट में यह निर्दिष्ट करना होगा कि महिला की उक्त अप्राकृतिक मृत्यु धारा 302 आईपीसी के दायरे में आती है या धारा 304 बी आईपीसी के दायरे में आती है या धारा 306 आईपीसीसी के दायरे में आती है.