
राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख स्तंभ और अयोध्या से पूर्व सांसद डॉ. रामविलास दास वेदांती का निधन हो गया है। वे लंबे समय से राम जन्मभूमि आंदोलन के एक महत्वपूर्ण चेहरा रहे थे और उन्होंने इस आंदोलन को सफलता दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी। डॉ. वेदांती का निधन मध्य प्रदेश के रीवा में इलाज के दौरान हुआ। वह वहां अस्पताल में भर्ती थे, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डॉ. वेदांती के निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है। मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पोस्ट कर लिखा कि डॉ. रामविलास वेदांती जी का गोलोकगमन एक अपूरणीय क्षति है। उन्होंने कहा कि राम जन्मभूमि आंदोलन में डॉ. वेदांती के योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता। उनका त्यागमय जीवन सभी के लिए प्रेरणा स्रोत है।
डॉ. रामविलास वेदांती राम जन्मभूमि आंदोलन के बड़े नेताओं में से एक थे और अयोध्या से सांसद रहते हुए उन्होंने संसद से लेकर सड़कों तक राम मंदिर निर्माण की आवाज को बुलंद किया। उन्होंने अपने जीवन को राम के भव्य मंदिर निर्माण की दिशा में समर्पित किया था।
डॉ. वेदांती ने राम जन्मभूमि आंदोलन के दौरान कई बार सरकार से अयोध्या की सड़कों के नाम बदलने की मांग की थी। उनका मानना था कि अयोध्या की गलियों के नाम राम के पूर्वजों के नाम पर होने चाहिए, जैसे राजा दिलीप, राजा रघु और राजा दशरथ के नाम पर। उनका यह बयान भी चर्चा में रहा था, जिसमें उन्होंने कहा था कि राम विरोधी लोगों के नामों पर कोई गली का नाम नहीं होना चाहिए।
श्री राम जन्मभूमि आंदोलन के इस महान नेता के निधन से पूरा देश शोक में डूबा हुआ है। उनका जीवन एक प्रेरणा है, जिसने धर्म, समाज और राष्ट्र की सेवा में अपना योगदान दिया। डॉ. रामविलास वेदांती के योगदान को हमेशा याद किया जाएगा, और उनका योगदान अयोध्या के इतिहास में अमिट रहेगा।









