
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शनिवार को तेजपुर वायुसेना स्टेशन से सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान में उड़ान भरेंगी. तीनों सेनाओं की सुप्रीम कमांडर होने के नाते उन्हें सेना की ताकतों, हथियारों और नीतियों से अवगत कराया जाना है. राष्ट्रपति मुर्मू की सुखोई-30 एमकेआई में उड़ान भारत के दुश्मन देशों को एक बड़े सन्देश के रूप में भी देखा जा रहा है.
यह घटनाक्रम एक ऐसे समय में हो रहा है, जब भारत-चीन संबंध पिछले 6 दशकों के सबसे खराब दौर से गुजर रहे हैं. ऐसे में राष्ट्रपति मुर्मू सुखोई -30 एमकेआई लड़ाकू विमान से चीन को ये सन्देश देंगी कि हमारी सेनाएं पूर्णतः लोकतांत्रिक मूल्यों के तहत संचालित होती हैं. हमारे यहां नारी एक शक्ति है. जो सृजनकर्ता तो है ही, जरुरत पड़ने पर दुश्मनों का काल भी बन सकती हैं.
तेजपुर वायुसेना बेस की लोकेशन भी यह दर्शाती है कि इस घटनाक्रम से भारत चीन को सख्त सन्देश देना चाहता है. तेजपुर एयरफोर्स बेस भारत की चार देशों चीन, म्यांमार, बांग्लादेश और भूटान से सुरक्षा करने की रणनीति से बेहद अहम है. 8 अप्रैल को राष्ट्रपति मुर्मू असम दौरे पर रहेंगी, जहां सुखोई -30 एमकेआई लड़ाकू विमान में वो उड़ान भरेंगी.









