Drools बनी यूनिकॉर्न: नेस्ले ने भारत के पेटकेयर सेक्टर में किया बड़ा निवेश

बेंगलुरु की पेट फूड कंपनी Drools बनी यूनिकॉर्न। नेस्ले SA का भारत में पहला निवेश, पेटकेयर सेक्टर को मिला नया बूस्ट। जानिए भारत की तेजी से बढ़ती पेट इकोनॉमी की कहानी।

Drools का डॉग दांव: 1 बिलियन डॉलर वैल्यूएशन के साथ यूनिकॉर्न क्लब में एंट्री

बेंगलुरु की पेट फूड ब्रांड Drools ने हाल ही में 1 बिलियन डॉलर से अधिक वैल्यूएशन हासिल कर यूनिकॉर्न स्टार्टअप का दर्जा प्राप्त किया। यह उपलब्धि Nestlé SA से 10% हिस्सेदारी के रूप में मिले निवेश के बाद हासिल हुई है।

नेस्ले का भारत में पहला निवेश, पेटकेयर सेक्टर में अब तक की सबसे बड़ी डील में से एक

स्विस खाद्य और पेय पदार्थ की दिग्गज कंपनी Nestlé SA ने भारत के किसी ब्रांड में पहली बार निवेश किया है। यह कदम न केवल Drools के लिए मील का पत्थर है, बल्कि देश के पेटकेयर उद्योग के लिए भी एक बड़ा संकेत है।

“असंरचित से संगठित की ओर”: तेजी से बदल रहा है भारत का पेट इकोनॉमी परिदृश्य

Mars Petcare India के मैनेजिंग डायरेक्टर सलील मूर्ति ने कहा, “भारत की पेट इकोनॉमी अब असंगठित क्षेत्र से तेज़ी से एक हाई-ग्रोथ इंडस्ट्री में बदल रही है।” कोरोना काल के बाद से पेट ओनरशिप और हेल्थ कंसर्न तेजी से बढ़े हैं।

महज फूड नहीं, अब बूम कर रहा है पूरा पेट इकोसिस्टम

पेट फूड, वेटरनरी सर्विस, ग्रूमिंग, बीमा और एक्सेसरीज़ — भारत का पेटकेयर बाज़ार अब केवल डॉग फूड तक सीमित नहीं रहा। Drools जैसी कंपनियां अब वेलनेस, न्यूट्रिशन और टेक-इनेबल्ड सर्विस की ओर बढ़ रही हैं।

D2C से लेकर टियर 2 शहरों तक पहुंच, Drools ने बदली गेम की दिशा

Drools ने न केवल मेट्रो शहरों में, बल्कि टियर 2 और टियर 3 बाज़ारों में भी पकड़ बनाई है। डिजिटल चैनलों के ज़रिए डायरेक्ट-टू-कंज़्यूमर मॉडल से कंपनी ने लॉयल यूज़र बेस तैयार किया है।

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