अफ्गानिस्तान में भारतीय दूतावास पर हमले के जिम्मेदार आतंकी को तालिबान ने काबुल का नया गवर्नर बनाया है। खबरों के अनुसार, अल-कायद और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से सबंध रखने वाले कारी बरयाल को काबुल का गवर्नर नियुक्त करने का फैसला संभवतः भारत के पक्ष में नहीं जाएगा।
कारी बरयाल एक खूंखार आतंकी है जिसके कई आतंकी संगठनों से संबध है। बरयाल को लगातार ईरान के विद्रोही गुट की तरफ से हमलों को अंजाम देने के लिए पैसे मिलते रहते हैं। इतना ही नहीं बरयाल का नेटवर्क इतना मजबूत है कि वह अक्सर तालिबान, अल-कायदा, इस्लामिक मूवमेंट ऑफ उज्बेकिस्तान, इस्लामिक जिहाद यूनियन, तुर्कीस्तान इस्लामिक पार्टी और हिज्ब-ई-इस्लामी गुलबुद्दीन जैसे संगठनों के लड़ाकों से काबुल में हमले करवाता रहा है। माना जाता है कि बरयाल की पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटलिजेंस यानी आईएसआई और उसके सहयोगी गुटों से करीबी रिश्ते हैं।
खबरों के अनुसार, बरयाल और उसका नेटवर्क पाकिस्तान से हथियार, विस्फोटक और आत्मघाती दस्तों को काबुल तक पहुंचाने का काम करते रहे हैं। बता दें कि बरयाल ऐसा दूसरा बड़ा नाम है जिसे काबुल पर हमला करने के बाद तालिबान की तरफ से नियुक्त किया गया है।
भारत सरकार को काबुल का यह फैसला कुछ खास पसंद नही आएगा। संभवतः यह नियुक्ति भारत और तालिबान के बीच पहले से तनावपूर्ण रिश्तों के लिए और संकट पैदा कर सकती है।