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Earthquake: तिब्बत से दिल्ली तक भूकंप का तांडव, धरती के नीचे हो रहा है कुछ बड़ा! जानिए क्या है वजह?

दिल्ली, हिमालय के निकट स्थित होने के कारण एक भूकंपीय क्षेत्र माना जाता है। यहाँ पर कई भ्रंश रेखाएं (fault lines) हैं, जो पृथ्वी की सतह में...

EARTHQUAKE: तिब्बत से लेकर दिल्ली तक पिछले 13 घंटों में आए 8 भूकंप के झटके ने हर किसी को चौंका दिया है। इतना ही नहीं अब तो दिल्ली के बाद बिहार में भी तेज़ भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.0 मापी गई। सुबह 8:02 बजे झटके महसूस किए गए, जिससे लोगों में दहशत फैल गई। ऐसे में ये सवाल उठता हैं कि क्या कारण हैं जो इतनी जल्दी-जल्दी धरती के नीचे हलचल मचा रहे हैं? क्या इसका कोई बड़ा संकेत है? आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से…..

1. दिल्ली में आज का भूकंप

आज सुबह, यानी 17 फरवरी 2025 को दिल्ली-एनसीआर के इलाकों में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। सुबह 5:37 बजे आए इस भूकंप का केंद्र दिल्ली में ही था। भूकंप की तीव्रता 4 मापी गई, और इसके झटके इतने तेज थे कि इमारतें तक हिलने लगीं, जिससे लोग अपने घरों से बाहर निकलने को मजबूर हो गए। भूकंप का केंद्र धौला कुआं बताया गया था, और इसकी गहराई सिर्फ 5 किलोमीटर थी, जिससे यह झटका अधिक महसूस हुआ।

2. तिब्बत से दिल्ली तक भूकंप का सिलसिला

तिब्बत से लेकर दिल्ली तक पिछले 13 घंटों में कुल 8 बार भूकंप के झटके महसूस किए गए। तिब्बत में 16 फरवरी को अलग-अलग समय पर चार भूकंपों के झटके आए थे, जिनकी तीव्रता 3.5 से लेकर 4.5 के बीच थी। इसके बाद अरुणाचल प्रदेश, इंडोनेशिया और बंगाल की खाड़ी में भी भूकंप के झटके आए। दिल्ली में आज के भूकंप का केंद्र भी तिब्बत से संबंधित भूकंपीय गतिविधियों से जुड़ा हुआ हो सकता है।

3. दिल्ली का भूकंप क्षेत्र: खतरे की घंटी?

दिल्ली, हिमालय के निकट स्थित होने के कारण एक भूकंपीय क्षेत्र माना जाता है। यहाँ पर कई भ्रंश रेखाएं (fault lines) हैं, जो पृथ्वी की सतह में दरारों के रूप में मौजूद हैं। जब इन रेखाओं पर तनाव पैदा होता है, तो भूकंप के झटके महसूस होते हैं। इसका मतलब यह है कि दिल्ली और इसके आस-पास के क्षेत्र में भूकंप आने का खतरा बना रहता है।

भूकंप का कारण

पृथ्वी की सतह कई टेक्टोनिक प्लेटों में बंटी हुई है, जो लगातार धीमी गति से चलती रहती हैं। जब ये प्लेटें आपस में टकराती हैं, रगड़ती हैं या एक-दूसरे के नीचे खिसकती हैं, तो तनाव उत्पन्न होता है। जब यह तनाव बहुत ज्यादा बढ़ जाता है, तो चट्टानें टूट जाती हैं और बड़ी मात्रा में ऊर्जा उत्पन्न होती है, जिससे भूकंप आता है।

4. भारत में भूकंप के खतरे का क्षेत्र

भारत को भूकंपीय दृष्टिकोण से चार जोनों में बांटा गया है:

  • जोन 2: सबसे कम खतरनाक
  • जोन 3: मध्यम खतरा
  • जोन 4: उच्च खतरा
  • जोन 5: सबसे ज्यादा खतरनाक

दिल्ली जोन 4 में आता है, जिसका मतलब है कि यहाँ भूकंप का खतरा रहता है। अगर यहां कोई बड़े भूकंप का आगमन होता है, तो काफी नुकसान हो सकता है, क्योंकि दिल्ली की मिट्टी जलोढ़ और रेतीली है, जो भूकंप के दौरान अस्थिर हो सकती है।

5. भूकंप के बाद क्या करें?

जब भूकंप के झटके महसूस हों, तो सबसे पहले आपको शांत रहना चाहिए। यदि आप घर में हैं, तो किसी मजबूत चीज के नीचे छिपने की कोशिश करें, जैसे कि मेज या टेबल के नीचे। अगर आप सड़क पर हैं, तो खुले स्थान की ओर भागें और भवनों या बिजली के खंभों से दूर रहें।

6. क्या है इसका समाधान?

वैज्ञानिकों और भूवैज्ञानिकों का मानना है कि भूकंप के खतरे से निपटने के लिए हमें अपने इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने की जरूरत है। भवनों को भूकंपरोधी बनाना और शहरों में भूकंप के प्रति जागरूकता बढ़ाना बेहद जरूरी है। इसके अलावा, भूकंप आने की स्थिति में प्राथमिक उपचार और बचाव कार्यों की तैयारी भी होनी चाहिए।

धरती की टेक्टोनिक प्लेटों का आपस में टकराना

दिल्ली और इसके आसपास के क्षेत्र में भूकंप के झटके अक्सर आते हैं, क्योंकि यह क्षेत्र भूकंपीय दृष्टिकोण से संवेदनशील है। हालांकि आज जो भूकंप आए हैं, उनका मुख्य कारण धरती की टेक्टोनिक प्लेटों का आपस में टकराना और इस क्षेत्र की भ्रंश रेखाओं पर तनाव होना हो सकता है। हमें भूकंप के खतरे से निपटने के लिए सतर्क रहना चाहिए और अपनी संरचनाओं को भूकंपरोधी बनाना चाहिए।

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