जम्मू कश्मीर में फिर अनाथ हुए आठ बच्चे, बांदीपोरा में आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ में शहीद हुए दो पुलिसकर्मी

कश्मीर में अनाथ हुए बच्चों की बढ़ती सूची में आठ और बच्चे जुड़ गए। ये बच्चे बांदीपोरा में शुक्रवार की शाम आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ में शहीद हुए दो पुलिसकर्मियों के बेटे हैं। जम्मू-कश्मीर पुलिस के कांस्टेबल मोहम्मद सुल्तान और कांस्टेबल फैयाज अहमद लोन उत्तरी कश्मीर के सबसे व्यस्त इलाके गुलशन चौक पर हुए एक आतंकी हमले में शहीद हुए थे।

मोहम्मद सुल्तान अपने पीछे चार बेटे छोड़ गए हैं जिनमें नौ साल का सालिक, सात साल का उजैर और एक साल से कम उम्र के जुड़वां बच्चे अफ्फान और एहसान हैं। उनके परिवार में उनकी 35 वर्षीय पत्नी और 70 वर्षीय पिता भी हैं। कुपवाड़ा के लोलाब से उनके मारे गए सहयोगी फैयाज अहमद लोन के भी चार बेटे भी हैं। उनके परिवार में उनका एक 14 वर्षीय बेटा जुबैर, 12 वर्षीय आकिब, नौ वर्षीय आदिल और तीन वर्षीय शाहिद के साथ उनके माता-पिता और 30 वर्षीय पत्नी मुबीना भी हैं।

ये दोनों परिवार उन निर्दोष नागरिकों की एक लंबी सूची में शामिल हैं, जिनकी जिंदगी कश्मीर घाटी में 32 साल के उग्रवाद में उजड़ गई। घाटी में समय-समय पर हुई इन आतंकी त्रासदियों ने कई परिवारों को आसानी से तबाह कर दिया है। कुछ हफ्ते पहले ही श्रीनगर के हैदरपोरा में हुए एक मुठभेड़ हुई थी जिसमें दो व्यापारियों मार दिए गए और उनके छह बच्चे अनाथ हो गए। एक साल की उम्र के बच्चों को ठंड की रात में धरने पर बैठना पड़ा और यह मांग की गयी कि मृतक के शवों को अंतिम दर्शन और दफनाने के लिए लौटाया जाए ताकि परिवारों उनके अंतिम दर्शन कर सकें।

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