उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर गुरुवार को चुनाव आयोग ने लखनऊ में कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान चुनाव आयोग की तरफ से कहा गया कि उत्तर प्रदेश के सभी दलों ने उनसे समय पर चुनाव कराने की मांग की है। मतलब कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन की वजह से चुनाव शायद अब ना टाला जाए। यह भी साफ हुआ कि चुनाव की तारीखों का ऐलान 5 जनवरी के बाद होगा।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा, 14 मई 2022 को उत्तर प्रदेश सरकार का कार्यकाल समाप्त हो रहा। सभी पार्टियों के साथ हमारी मीटिंग हुई। जिसमें सभी दलों ने राज्य में निष्पक्ष चुनाव कराए जानें की मांग की। सभी दलों ने कहा समय पर चुनाव हो। साथ ही पुलिस,शासन के अफसरों से मुलाकात हुई। प्रलोभन मुक्त चुनाव कराना हमारी प्राथमिकता है।
बता दें आज चुनाव आयोग के यूपी दौरे का आखिरी दिन था। चुनाव आयोग ने कहा, कोविड गाइडलाइन का पालन किया जाएगा। बैठक में सभी दलों ने सुझाव दिए जिसपर चर्चा हुई। डीएम-एसपी से कानून व्यवस्था पर बात हुई। निर्वाचन आयुक्त ने बताया, यूपी में 52.8 लाख नए मतदाता बढ़े हैं। राज्य में मतदाताओं की संख्या 15 करोड़ से ज्यादा है। साथ ही उन्होने बताया, कुछ राजनीतिक दल ज्यादा रैलियों के खिलाफ हैं।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने बताया, 5 जनवरी को फाइनल वोटर लिस्ट आएगी। निष्पक्ष चुनाव के लिए आयोग प्रतिबद्ध है। महिला वोटरों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। बुजुर्गों,दिव्यांगों को घर से वोट देने की सुविधा। हमारे पास 1 लाख 74 हजार 351 मतदान केंद्र हैं। इस चुनाव में ECI डोर स्टेप सुविधा मिलेगी। सभी दलों की समस्या का समाधान करेंगे। 800 महिला पोलिंग बूथों पर सिर्फ महिला कर्मचारी होंगी।
चुनाव आयोग ने बताया, 400 मॉडल पोलिंग बूथ बनाए जाएंगे। अन्य आईडी कार्ड पर वोट डालने की सुविधा भी रहेगी। सभी पोलिंग बूथ पर ईवीएम मशीन लगाई जाएंगी। कोविड पॉजिटिव लोग घर से मतदान करेंगे। वैक्सीनेटेड लोग ही पोलिंग बूथ पर लगाए जाएंगे। पोलिंग का समय एक घंटा बढ़ाया जाएगा। फ्रंट लाइन वर्कर्स को बूस्टर डोज लगाई जाएगी। यूपी में ओमिक्रॉन का बहुत असर नहीं है।