शौर्य गाथाओं के इतिहास और “उड़ता ताबूत” की उपाधि वाले MiG-21 विमानों की भावनात्मक विदाई, अब क्या होगा इनका भविष्य ?

भारतीय वायुसेना ने अपने शौर्य के प्रतीक MiG-21 विमानों को आखिरी विदाई दी है। प्रोटोकॉल के तहत 28 विमानों को भावनात्मक फेयरवेल ...

भारतीय वायुसेना ने अपने शौर्य के प्रतीक MiG-21 विमानों को आखिरी विदाई दी है। प्रोटोकॉल के तहत 28 विमानों को भावनात्मक फेयरवेल दिया गया और उनकी अंतिम उड़ान के माध्यम से दुनिया को उनके साहस और वीरता का परिचय भी कराया गया।

रिटायर किए गए विमानों का भविष्य

28 MiG-21 विमानों के रिटायर होने के बाद सवाल उठ रहा है कि उनका आगे क्या होगा। डिफेंस एक्सपर्ट के अनुसार, रिटायरमेंट के बाद विमानों की अगली प्रक्रिया निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार होती है। इसमें सबसे पहले उनके उपकरण और स्पेयर पार्ट्स अलग किए जाते हैं।

अगर किसी विमान का योगदान विशेष रूप से अहम रहा हो, तो उसे म्यूज़ियम में संरक्षित किया जा सकता है। इसके अलावा, इन विमानों का इस्तेमाल जीवन-संग्रहालय, शैक्षिक संस्थानों, और ट्रेनिंग सेंटर्स में भी किया जा सकता है। जिन पार्ट्स को इस्तेमाल योग्य माना जाएगा, उन्हें अलग कर लिया जाएगा और बाकी स्क्रैप कर दिया जाएगा। कुछ रिटायर्ड पार्ट्स को इंजीनियरिंग कॉलेज या आर्मी म्यूजियम को ऑफर किया जा सकता है।

कुछ विमानों को ट्रेनिंग के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे सुपरसोनिक टारगेट ड्रोन बनाए जा सकते हैं, जो पायलटों को वास्तविक कॉम्बैट ट्रेनिंग में मदद करेंगे।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की प्रतिक्रिया

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने MiG-21 की विदाई पर कहा, “MiG-21 ने सदैव राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान ऊंचा रखा। यह हमारी सामूहिक स्मृतियों और राष्ट्रीय गौरव की विदाई है। 1971 के युद्ध से लेकर कारगिल युद्ध, बालाकोट एयरस्ट्राइक और ऑपरेशन सिंदूर तक, MiG-21 ने हमारी आर्म्ड फोर्सेज को हमेशा मजबूती प्रदान की।”

MiG-21 का योगदान केवल किसी एक घटना तक सीमित नहीं था, बल्कि यह भारतीय वायुसेना के बहादुरी और शक्ति का प्रतीक रहा।

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